धन और ज्ञान की वृद्धि के लिए भूल कर भी गुरुवार को न करें ये पांच काम

हमारे धार्मिक एवं नीति शास्त्रों में कई प्रकार के नियमों का उल्लेख मिलता है। ये नियम पूजा पाठ, कर्मकांड से लेकर संस्कार एवं जीवन के अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं से संबंधित हैं। इन्हीं सब नियमों में यह भी शामिल है कि हमें गुरुवार के दिन किन चीजों से परहेज करना चाहिए। गुरुवार का दिन देवगुरू बृहस्पति का दिन है। बृहस्पति ज्ञान, धन, धर्म, वृद्धि एवं संतान आदि का कारक है। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि बृहस्पति ग्रह की कृपा पाने के लिए गुरुवार के दिन कुछ विशेष कार्यों को नहीं करना चाहिए। येकार्य इस प्रकार हैं-

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ज्योतिष में बृहस्पति को महिलाओं की कुंडली में पति और संतान का कारक माना जाता है।
माना जाता है कि गुरुवार को महिलाओं को अपना सिर नहीं धोना चाहिए। इसके साथ ही न तो उनको इस दिन अपने बाल कटवाने चाहिए। अगर वे ऐसा करती हैं तो इससे उनकी जन्मकुंडली में बृहस्पति कमजोर होता है जिससे उनके दांपत्य जीवन में परेशानी आती है। पति व संतान की उन्नति भी रुक जाती है।
गुरुवार के दिन नाखून नहीं काटने चाहिए और न ही दाड़ी बनानी या बनवानी चाहिए। क्योंकि शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है तो वह देवगुरू बृहस्पति अशुभ फल प्राप्त होते हैं। व्यक्ति की आयु पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
गुरुवार के दिन केले के फल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन केले के वृक्ष की पूजा होती है। इसके साथ ही बृहस्पतिवार के दिन घर में अधिक वजन वाले कपड़ों को धोने, कबाड़ घर से बाहर निकालने, घर को धोने या पोछा लगाने से बच्चों, पुत्रों, घर के सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर शुभ प्रभाव में कमी आती है।
गुरुवार को केले के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करना चाहिए और शुद्ध घी का दीपक जलाकर गुरु के 108 नामों का उच्चारण करना चाहिए ऐसा करने से जल्दी ही जीवनसाथी की तलाश जल्द पूर्ण होती है। विवाह में आ रही अड़चने दूर होती हैं।
बृहस्पति देव को पीला रंग अतिप्रिय है। वे पीले रंग का पीतांबर धारण करते हैं। इसलिए इनकी पूजा में हल्दी का उपयोग किया जाता है। गुरुवार के दिन केसर पीला चंदन या फिर हल्दी का दान करना बहुत शुभ होता है। इससे घर में सुख-शांति आती है और आरोग्यता मिलती है।

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