बिहार में खाद कालाबाजारी पर कसा सरकार का शिकंजा, 318 दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित

खाद की कालाबजारी कराने वालों पर सरकार का शिकंजा कसने लगा है। अब तक राज्य में 1300 खाद की दुकानों पर छापामारी की गई है। अनियमितता करने वाले चार दुकानदारों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गई है। अभी तक 318 उर्वरक दुकानदारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं और 217 दुकानदारों से स्पष्टीकरण पूछा गया है।

कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने अधिकारियों को निर्दश दिया कि किसी भी हालत में किसानों को उचित मूल्य पर ही खाद मिलनी चाहिए। पॉश मशीन से ही उर्वरक की बिक्री की जा जाए। इसे अपडेट करें। उड़नदस्ता टीम को औचक निरीक्षण करते रहने का निर्देश दिया। साथ ही किसानों से अपील की कि वह स्वॉयल हेल्थ कार्ड की अनुशंसा के अनुसार संतुलित खाद का उपयोग करें।   
खाद की कालाबाजारी का अरबों का है कारोबार राज्य में खाद की कालाबाजारी का अरबों का कारोबार है। विक्रेता रोज कालाबाजारी का नया तरीका निकालते रहते हैं।  जांच में पता चला था कि 2019-20 में राज्य में 56 प्रतिशत खाद बिना सही आधार कार्ड के बिकी है। 46 फीसदी लेनदेन भी काल्पनिक व्यक्ति के आधार कार्ड पर ही हुआ है। 
जरूरत से ज्यादा यूरिया आवंटित की गई है : मंत्री  कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि खाद राज्य में जरूरत से ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है। खरीफ मौसम में अगस्त तक 7.60 लाख टन यूरिया की जरूरत है। लेकिन, इस अवधि में 9.76 लाख टन यूरिया आवंटित किया गया है। इसी प्रकार अब तक ढाई लाख टन डीएपी की आवश्यकता के विरुद्ध 5.26 लाख टन डीएपी आवंटित किया गया है और अब तक 2,88,141 मैट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति  की गई है, जो आवश्यकता से अधिक है। एमओपी और एनपीके खाद भी जरूरत से काफी ज्यादा आपूर्ति की गई है। कहीं, खाद की कमी नहीं है।    

अन्य समाचार