एक माह में 210 लोगों तक पहुंचा अमानक खून, इनमें कहीं आप या आपके रिश्तेदार तो नहीं

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। अवैध रूप से संचालित ब्लड कलेक्शन सेंटर से बाजार मेंं एक माह के अंदर 210 लोगों को अमानक खून की आपूर्ति हुई है। स्वस्थ होने के लिए खून खरीदने वाले को जानलेवा बीमारियां परोसने का मामला भी सामने जांच में आया है। सिविल सर्जन के निर्देश पर गठित टीम में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि हर बिंदु पर जांच कर रहे हैं। इमलीचट्टी के सिन्हा ब्लड बैंक से चल रहे इस अवैध काम में कई तथ्य सामने आ रहे हैं। चूना भट्ठी इलाके से जो खून के डोनर मिले उनकी किसी भी तरह की स्वास्थ्य जांच नहीं हुई थी। वहां से कोई स्वास्थ्य जांच संबंंधी कागजात और वजन जांच करने वाली मशीन नहीं मिली है।

मानवाधिकार अधिनियम का उल्लंघन
ड्रग इंस्पेक्टर की मानें तो खून खींचने वालों ने महामारी एक्ट, मानवाधिकार अधिनियम का उल्लंघन किया है। कोर्ट में दायर परिवाद में इसकी चर्चा होगी। जांच में जुटी मिठनपुरा पुलिस को भी इस संबंध में जानकारी दी जाएगी। सिविल सर्जन डॉ.एसपी सिंह ने बताया कि ब्लड बैंक के नाम पर अवैध तरीके से खून खींचकर बेचने का मामला गंभीर है। पुलिस के साथ विभागीय स्तर पर ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि, डॉ.सीएस प्रसाद, डॉ.हरेंद्र आलोक की टीम जांच कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद सख्त कार्रवाई होगी। ब्लड बैंक के लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई चल रही है।
खून देने के लिए तय मानक
विशेषज्ञ के अनुसार खून देने के लिए उम्र 18 से 65 साल के बीच होनी चाहिए। हीमोग्लोबिन 12.5 ग्राम/डेसीलीटर, पल्स 60 से 100 प्रति मिनट हो, ब्लड प्रेशर 110 से 160 के बीच ऊपर का और 70 से 100 बीच नीचे का हो, शरीर का वजन 45 किलोग्राम से ज्यादा होना चाहिए।
इन्हें नहीं करना चाहिए रक्तदान
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ.सीएस प्रसाद ने कहा कि उस आदमी का खून कभी नहीं लेना चाहिए जो एचआइवी, हेपेटाइटिस बी व सी, एंटी रेबीज एक साल के अंदर लिया हो। छह महीने के अंदर टैटू गुदवाया हो या फिर कान छिदवाया हो, छह महीने के अंदर एक्यूपंचर की विधि से इलाज कराया हो। गंभीर बीमारी या सर्जरी हुई हो, पीलिया से पीडि़त रहा हो, तीन माह के अंदर रक्तदान किया हो या फिर मलेरिया का इलाज कराया हो, एक माह के भीतर कोई टीकाकरण कराया हो, 48 घंटे पहले कोई दवा खाई हो, बीते 72 घंटे में एस्प्रिन दवा खाई हो या फिर दंत चिकित्सा कराई हो। इसके साथ बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिला या माहवारी का वक्त हो वह कभी रक्त दान न करें।

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