धान के बदले चावल की आपूर्ति: दरभंगा के मिलर ने अधिकारियों की मिलीभगत से किया 20 करोड़ रुपये का गबन

ईडी ने एक अन्य मामले में दरभंगा के जगदंबा फूड सेंटर के प्रोपराइटर दिबेश कुमार चौधरी के खिलाफ भी प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा चलाने के लिए चार्जशीट दायर की है। 

मिलर पर धान के बदले तय मात्रा में चावल की आपूर्ति नहीं कर 20.32 करोड़ रुपए के सरकारी राशि का गबन का आरोप है। मामले की जांच के दौरान ईडी को राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम लिमिटेड के तत्कालीन कई अधिकारियों की मिलीभगत के भी साक्ष्य मिले हैं।   जब्त की गई है मिलर की 2.04 करोड़ की संपत्ति  इस घोटाले को लेकर लहेरियासराय थाने में 3 अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग की जांच शुरू की तो कई चौंकानेवाले वाले तथ्य सामने आए। ईडी के मुताबिक दिबेश ने राज्य खाद्य एवं आपूर्ति निगम लिमिटेड के तत्कालीन कई अधिकारियों की मिलीभगत से गबन को अंजाम दिया। इसके बाद करोड़ों की राशि की बंदरबांट की गई। दिबेश ने खुद अपने और परिजनों के नाम पर कई चल-अलच संपत्ति खरीदी। इसमें से 2.04 करोड़ की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। 
जांच में पाया गया कि उसने निगम से धान के बदले चावल की आपूर्ति को लेकर दो समझौते किए थे। धान तो उसने लिए पर उसके बदले तय मात्रा में चावल की आपूर्ति नहीं की। ईडी को घोटाले में निगम से जुड़े कई अधिकारियों की संलिप्तता के प्रमाण मिले हैं। अधिकारियों की संलिप्तता को लेकर जांच पूरी कर ली गई है। जल्द ही इस मामले में पूरक चार्जशीट दायर की जाएगी। 
जेल में बंद है दिबेश मनी लाउंड्रिंग की जांच में सहयोग नहीं करने पर 29 जून को दिबेश को ईडी ने गिरफ्तार किया था। 7 दिनों के रिमांड पर ईडी ने उससे पूछताछ की गई थी। इस दौरान गबन में शामिल लोगों को लेकर अहम जानकारी मिली। फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में बेऊर जेल में बंद है।  

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