वो सीमा पर जान गवांए, हम उनके श्राद्घ में पैसे कमाएं..



राकेश कुमार, जहानाबाद:
चाचा! हमलोग मिठाई दुकान से पैसे तो सालो भर कमाए हैं। हमारे देश की हिफाजत के लिए लवकुश शर्मा ने अपनी जान गंवाए। शहीद की आत्मा की शांति के लिए ब्रह्माभोज में हलवाई समाज मुफ्त सेवा देंगे। पैसा लेकर अपने वीर सपूत की कुर्बानी को अपमान नहीं कर सकते। शकुराबाद बाजार के हवाई समाज शहीद को श्रद्धांजलि के रूप में अपनी दुकानें बंद कर ब्रह्माभोज में अपना योगदान करेंगे।
जिले के रतनी फरीदपुर प्रखंड के अईरा निवासी शहीद लवकुश शर्मा का श्राद्ध कार्यक्रम 30 अगस्त को होना है। वीर सपूत के श्राद्ध में हजारों लोगों के आने की संभावना है। शहीद के पिता सुदर्शन शर्मा ने शकुराबाद बाजार में मिठाई बनाने वाले दुकानदारों और कारीगर को 18 रुपये मजदूरी की पेशकश की थी जिसे हलवाई समाज ने लेने से इंकार कर दिया। मिठाई कारोबारी दीपक कुमार और उनके पार्टनर अरुण ने वीर शहीद के दसकर्म से लेकर बर्खी तक कार्य करने की इच्छा जाहिर की है। समाज के लोगों ने देश के वीर सपूत के श्राद्ध के लिए सभी भोज सामग्री मुफ्त बनाने और प्रसाद परोसने में सेवा देंगे।

दीपक ने बताया कि हम लोगों का भले ही यह व्यवसाय है लेकिन एक शहीद के पिता से कार्य के बदले पैसा लेना उचित नहीं है। उन लोगों का कहना है की वीर लवकुश पर हम लोगों को भी गर्व है। वीर शहीद को श्रद्धांजलि देना हमारा कर्तव्य है। अरुण कुमार ने कहा कि वे देश की सेवा करते हुए कुर्बानी दी। हमारा भी कुछ कर्तव्य है। वीर जवानों के कारण ही चैन की नींद और स्वतंत्र हैं। आज रोजी-रोजगार भी सैनिकों के कारण सुरक्षित है। वीर लवकुश के श्राद्ध में पैसा लेना बड़ा पाप होगा, इन्हीं वीर शहीदों के कारण ही तो हम लोग घरों में सुरक्षित रहते हैं। श्राद्ध में कम से कम दो हजार लोग होंगे शामिल अमर शहीद वीर लवकुश के श्राद्ध में कम से कम दो हजार लोग शामिल होंगे। दीपक तथा अरुण दस कर्म से ही अपनी सेवा देने लगेंगे। ब्रह्मभोज में तीन तरह के मिष्ठान समेत अन्य सामग्री बनेगी। इसे लेकर दीपक और अरुण को अपने 10 अन्य सहकर्मियों की भी जरूरत पड़ेगी। शहीद के परिजन से लेकर नहीं बल्कि घर से देंगे लेबर को पैसा आमतौर पर जितने लोगों को श्राद्ध में शामिल होने का आमंत्रण दिया जाना है उसे लेकर कारीगरों द्वारा 20 से 25 हजार रुपये मिल जाते हैं। यहां वीर शहीद के सम्मान में वे लोग खुद तो पैसा नहीं ले रहे हैं यहां तक की भोजन बनाने में जो लेबर लगेंगे उसका पैसा भी दीपक और अरुण ने ही देने का वादा किया है। देशभक्त की सेवा का मौका मिला है करने दीजिए पैसे की बात कर शर्मिंदा मत कीजिए।
Posted By: Jagran
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