राज्यों में बढ़ा सैलरी का संकट, हेल्थकर्मी और टीचर परेशान, केंद्र पर फोड़ा ठीकरा

नई दिल्ली/टीम डिजिटल। कोरोना संकट में लगाए गए लॉकडाउन के कारण कई राज्यों का हाल बेहाल है। राज्य गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। जिसकी वजह से सरकारी कर्मचारियों के सैलरी भुगतान में देरी और पूंजीगत खर्चों में भारी कमी देखी गई है।

राज्यों ने इसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा हैं। साथ ही राज्यों ने आरोप लगाया हैं कि केंद्र द्वारा जीएसटी बकाया नहीं दिया गया इसलिए ये हाल हुआ है। वहीँ, गुरूवार को जीएसटी के बकाया बिलों के भुगतान पर जीएसटी परिषद की बैठक है।
बैठक से पहले ही राज्यों ने केंद्र सरकार को अपनी बढ़ती मुश्किलों को लेकर संदेश भेजा है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक और त्रिपुरा शामिल हैं। इन राज्यों में सरकारी कर्मचारियों को वेतन देने में काफी देरी हो रही है। खास कर यहां के स्वास्थ्यकर्मियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा।
वहीँ, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के टीचर और स्टाफ को वेतन समय पर नहीं मिल रहा है। हालातों के मद्देनज़र अब अधिकांश राज्य केंद्र को इसका जिम्मेदार मान रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि जीसएटी बकाए का भुगतान नहीं करने से ये हालात बने हैं। बता दें राज्यों को इस साल अप्रैल से ही जीएसटी बकाया नहीं मिला है।

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