बिहार शिक्षा सेवा के प्रशासनिक अधिकारियों को राहत! बीएड करने से मिली मुक्ति

बिहार शिक्षा सेवा संवर्ग के प्रशासनिक उप सं;र्ग के अफसरों को शिक्षा विभाग ने बड़ी राहत दी है। अब उनके लिए दो वर्ष के प्रोबेशन (परिवीक्षा) अवधि में शिक्षा स्नातक (बीएड) की ट्रेनिंग लेने की अनिवार्यता नहीं रही। शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त इस उपसंवर्ग के अफसरों को बीएड प्रशिक्षण से मुक्ति दे दिया है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पुरानी नियमावली में संशोधन करते हुए बुधवार को नई नियमावली भी लागू कर दी है।

गौरतलब हो कि बिहार शिक्षा सेवा में अब चार उपसंवर्ग हैं। प्रशासन, शिक्षण, शोध एवं अध्यापन तथा एकाकी उपसंवर्ग। एक उपसंवर्ग के अधिकारी दूसरे में स्थानांतरित नहीं हो सकते साथ ही सभी की सेवा शर्तें एवं नियुक्ति के प्रावधान अलग-अलग हैं। दो साल के प्रोबेशन पीरियड में प्रशासनिक उपसंवर्ग के अफसरों को सांस्थिक समेत विभाग द्वारा तय अन्य प्रशिक्षण भी प्राप्त करने होते हैं। इस संवर्ग के अफसर पहले ट्रेनिंग कालेज और बीआरसी-सीआरसी समेत अन्य शिक्षण पदों का भी जिम्मा संभालते थे। लेकिन अब इसके लिए टींचिंग कैडर अलग है। बावजूद इसके शिक्षा सेवा के प्रशासनिक उप संवर्ग के अफसरों को दो साल का बीएड डिग्री करना पड़ता है। इससे इन अफसरों को अन्य प्रशिक्षण में परेशानी होती थी। विभाग के लिए भी एक मुश्किल टास्क था।
बिहार शिक्षा सेवा के प्रशासनिक संवर्ग संघ की ओर से भी लगातार शिक्षा विभाग से उनके लिए बीएड की अनुपयोगी डिग्री की बाध्यता को समाप्त करने की बार-बार मांग की जा रही थी। संघ के अध्यक्ष विनोदानंद झा, महासचिव अमित कुमार और कोषाध्यक्ष दीपक कुमार सिंह समेत अन्य पदधारकों ने इस संशोधन के लिए शिक्षा विभाग के प्रति आभार जताया।
बिहार शिक्षा सेवा नियमावली 2014 को संशोधित कर इसमें चार बदलाव किया है। बुधवार को शिक्षा विभाग ने बिहार शिक्षा सेवा(संशोधित) नियमावली 2020 अधिसूचित कर दी है। शिक्षा विभाग के अपर सचिव गिरिवर दयाल सिंह के हस्ताक्षर से अधिसूचित इस नियमावली के द्वारा पुरानी नियमावली में चार मुख्य संशोधन किए गए हैं। पुरानी नियमावली के परिशिष्टि-1 को विलोपित कर दिया गया है। 2014 की नियमावली के नियम 12 को संशोधित किया गया है।
नयी नियमावली के मुताबिक परिवीक्षा (प्रोबेशन) अवधि संतोषजनक ढंग से पूरा करने, प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने और विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने पर सेवा में सम्पुष्टि की जा सकेगी। पुरानी नियमावली के नियम 11 को प्रतिस्थापित करते हुए तय हुआ है कि विभागीय परीक्षा के विषय,पाठ्यक्रम, प्रक्रिया का निर्धारण एवं परीक्षा का संचालन केन्द्रीय परीक्षा समिति, राजस्व परिषद बिहार द्वारा किया जाएगा। पुरानी नियमावली के नियम 10 के उपनियम 2 को भी संशोधित किया गया है। इसके मुताबिक परिवीक्षा (प्रोबेशन ) अवधि में पदाधिकारी को विभाग द्वारा विहित सांस्थिक या अन्य प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करना होगा। प्रशिक्षण का कैलेंडर और पाठ्यक्रम विभाग द्वारा अलग से निर्धारित किया जाएगा।  

अन्य समाचार