Bihar Assembly Election : 30 अगस्‍त तक पिक्‍चर होगी साफ, किस किनारे लगेगी मांझी की नैया

पटना, जेएनएन। Bihar Assembly : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन (Grand Alliance) को बड़ा झटका लगा है। गठबंधन से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के बाहर होने के तमाम अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है। 'हम' के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जीतन राम मांझी ने गुरुवार को मुख्‍यमंत्री आवास पहुंचकर नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस अहम मुलाकात के बाद माना जा रहा है कि राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल उनका शामिल होना लगभग तय है। हालांकि,नीतीश से मुलाकात के बाद मांझी ने कहा कि आज हमारे बीच कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। हमने अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर मुख्‍यमंत्री से बात की है। जब पत्रकारों ने उनके एनडीए में शामिल होने की बात पूछी तो उन्‍होंने कहा कि 30 अगस्‍त को पूरी पिक्‍चर साफ हो जाएगी। बता दें कि मांझी के महागठबंधन से नाराजगी के बाद नीतीश कुमार के साथ गुरुवार को पहली बैठक हुई। मगर पिछले कुछ दिनों से हम के एनडीए में शामिल होने की चर्चा गरम रही है। राजनीति‍क विशलेषकों का कहना है कि जीतन राम मांझी के वापस एनडीए में आने से नीतीश कुमार को विधान सभा चुनाव से पहले बड़ी राहत मिलेगी।

सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार एनडीए में हम को 9 से 12 सीटें देने को राजी हो गए हैं। जीतन राम मांझी 15 सीटें मांग रहे हैं। वे मगध में बीजेपी की कुछ सीटें मांग रहे थे। बीजेपी के असमंजस के कारण मांझी का एनडीए में शामिल होने का फैसला टल रहा था। उल्‍लेखननीय है कि कुछ ही दिन पहले राष्‍ट्रीय जनता दल (RJD) पर गठबंधन को तोड़ने का आरोप लगाकर बाहर हुए हम प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के अगले कदम पर सबकी नजर थी। अंदरखाने में चर्चा गरम थी कि वे फिर से एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इस बीच जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अलावा असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi), पप्‍पू यादव (Pappu Yadav) व यशवंत सिंह (Yashwant Sinha) से उनके संपर्कों की चर्चा भी है। वहीं गठबंधन के घटक दलों में मांझी के बाहर होने से चिंता थी। बुधवार को ही रालोसपा के प्रमख उपेंद्र कुशवाहा ने खुलकर कहा था कि जीतन राम मांझी का गठबंधन से बाहर जाना दुखद है। उनके जाने से गठबंधन को नुकसान होगा। ऐसे में बिहार की राजनीति में अहम फैक्‍टर बने मांझी पर सबकी निगाहें टिकी हुई थी।
महागठबंधन से अलग होने के मिल रहे थे संकेत
पिछले कुछ दिनों से मांझी जिस प्रकार से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की सराहना कर रहे थे, उससे यह संकेत मिलने लगा था कि वे जल्द ही महागठबंधन (Grand Alliance) से खुद को अलग करेंगे। उन्होंने इसकी पृष्ठभूमि भी करीब-करीब तैयार कर रखी थी। केवल एक मौके का इंतजार था।

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