शिक्षक संघ प्रतिनिधि ने शिक्षकों से की चर्चा

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के शिक्षक प्रतिनिधियों ने प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों में दौरा कर शिक्षकों के साथ बैठक की। इसमे माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए 20 अगस्त 2020 को अधिसूचित सेवा शर्त नियमावली एवं वेतन वृद्धि सेवा शर्त नियमावली की विशेषताओं एवं खामियों पर प्रकाश डाला गया। 20 वर्षों की सेवा अनुभव के बदले माध्यमिक शिक्षकों के लिए 10 वर्ष व उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए 6 वर्ष की सेवा अनुभव के आधार पर प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति, 4 वर्ष की सेवा उपरांत योग्यताधारी माध्यमिक शिक्षकों का उच्च माध्यमिक शिक्षक के पदों पर प्रोन्नति मिलनी चाहिए। दिव्यांग एवं महिला शिक्षकों का नियोजन इकाई के बाहर दूसरे इकाई एवं जिले में स्थानांतरण की सुविधा, 180 दिन मातृत्व अवकाश, 15 दिन पितृत्व अवकाश, 11 दिन वार्षिक और 120 दिन संचयी अवकाश सराहनीय कदम है। राष्ट्रीय सचिव डॉ. विजय कुमार सिंह ठाकुर ने बताया कि शिक्षक के आश्रितों को योग्यतानुसार शिक्षक पद, लिपिक एवं चतुर्थ वर्ग कर्मचारी के पद पर अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति, ईपीएफ की सुविधा, सेवानिवृत्ति उपरांत सुरक्षा के लिए इपीएफ का मिलना शिक्षकों के हित में है। 1 अप्रैल 2021 से 15 फीसदी वेतन वृद्धि का लाभ मिलना बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय एवं महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह के कुशल नेतृत्व में शिक्षकों के आंदोलन एवं संघर्ष का प्रतिफल है। लेकिन संघ के 7 सूत्री मांगों में से सरकार द्वारा कटौती की गई है। इस पर एतराज जताया। निरंतरता के भूतलक्षी प्रभाव से लाभ तथा राज्य कर्मी का दर्जा सहित अन्य सुविधाओं का प्रावधान सेवा शर्त नियमावली में शामिल कराने की सरकार से मांग की गई। मौके पर कमलदेव प्रसाद, रवि कुमार गुप्ता, सत्येन्द्र कुमार, अभय सिंह, धर्मनाथ भगत थे।

अन्य समाचार