खाद की कालाबाजारी का नया खेल, पकड़े गए दो लाइसेंसी दुकानदार

सीतामढ़ी । खाद की कालाबाजारी का नया खेल सामने आया है। ये खेल लाइसेंसी दुकानदार ही खेल रहे थे। दोनों की करतूत पकड़ में आई है। ये ऐसे नटवरवाल हैं किसानों के आधार कार्ड से कालाबाजारी का खेल खेल रहे थे। इसके बारे में जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। जिला कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार यादव ने कहा है कि तत्काल दोनों दुकानदारों की अनुज्ञप्तियां तत्काल निलंबित कर दी गई है। उर्वरक बिक्री पर रोक भी लगाई गई है। आरोपों के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुज्ञप्तियां रद कर दी जाएंगी।

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उर्वरक विक्रेताओं के खेल में सिस्टम फेल
यूरिया की किल्लत तो चल ही रही, लेकिन उर्वरक विक्रेता खेल कर कालाबाजारी से बाज नहीं आ रहे हैं। आधार कार्ड पर एक ही किसान को 200 से 670 बोरा उर्वरक की आपूर्ति दिखाई गई है। जांच में यह मामला पकड़ में सामने आया है। ई-पॉश मशीन के जरिए ही खाद की बिक्री की जाती है। आधार कार्ड वाले किसानों से मेलजोल कर उनके नाम से खाद बिक्री दुकानों में दिखाई जा रही। असलियत यह है कि इन खाद को अलग-अलग उन किसानों को महंगे दाम पर दिया जा रहा जिनके पास आधार कार्ड नहीं है या फिर वह आधार कार्ड लेकर नहीं आए।
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इनसेट
चोरौत के ही दो दुकानदारों की करतूत देख हैरत में विभाग सीतामढ़ी : जिला कृषि पदाधिकारी का कहना है कि डीएम के आदेश पर उर्वरक विक्रेताओं पर लगे आरोपों की जांच कराई गई है। जिसमें गड़बड़ी सामने आई है। मेसर्स चौधरी ट्रेडर्स यदुपट्टी बाजार, चोरौत के द्वारा एक अप्रैल से 31 जुलाई तक एक ही आधार पर एक ही किसान को बड़ी मात्रा में उर्वरक की आपूर्ति की गई है। विपिन कुमार के नाम पर 670 बैग, विकास कुमार के नाम पर 285 बैग, सोनी कुमारी के नाम पर 260 बैग दिखाया गया है। ऐसी शिकायत पर चोरौत के नोडल पदाधिकारी द्वारा जांच की गई। उसी तरह मेसर्स वार्ड-12 चोरौत पर भी यहीं शिकायत है। उन्होंने मुकेश कुमार ठाकुर नामक एक किसान के नाम पर 200 बैग आपूर्ति दिखाई है।
Posted By: Jagran
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