कोसी नदी में डूबने से तीन बच्चों की मौत

जलालगढ़ (पूर्णिया)। प्रखंड के बैसा सीमा आदिवासी टोल में गुरुवार को गांव के तीन मासूम बच्चों की मौत बरसाती कोसी नदी धार में डूबने से हो गई। स्थानीय नाविकों एवं गोताखोरों के ढ़ाई घंटे के अथक प्रयास से तीनों बच्चे के मृत शरीर को पानी से बाहर निकाला गया। जलालगढ़ पुलिस ने तीनों बच्चों के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल पूर्णिया भेज दिया। बताया गया कि बैसा सीमा गांव में हल्ला हुआ कि बैसा सीमा गांव के निकट लालू टोल वाली कोसी नदी धार में तीन बच्चे डूब गया है। इस शोर को सुन सभी नदी धार की ओर दौर पड़े। वहीं स्थानीय लोगों द्वारा बच्चे की तलाश शुरू कर दी गई तलाश करते लोगों ने बड़ी बहादुरी से तीनों बच्चों को ढ़ाई घंटे में पानी से बाहर तो निकाल लिया लेकिन तीनों बच्चों की मौत हो चुकी थी। इस घटना को देख सभी के आंखे नम हो गई वहीं परिजनों द्वारा नदी धार पर चीत्कार किया जा रहा था। इस चीत्कार से सभी के कलेजे पिघल गया। बताया गया कि गांव के करीब आधे दर्जन बच्चे स्नान करने के लिए घर से महज आधे किमी पूरब की दूरी पर कोसी नदी धार में गया। स्नान करने के दौरान तीन बच्चे डूब गया। वहीं इसे बचाने के लिए दो बच्चे भी पानी में गया था कि स्थानीय वृद्ध लक्ष्मण उरांव ने दोनों बच्चों को पानी से बाहर निकाल लिया स्थानीय लोग हल्ला सुन नदी धार पहुंचा जहां सभी डूबे हुए बच्चों की तलाश में जुट गया। धार पर मौजूद नाव की मदद से स्थानीय लोगों ने काफी अथक प्रयास किया और बच्चों की खोज में सफल रहा खोजबीन का कार्य शाम 6 बजे तक चली खोजबीन के दौरान सबसे पहले रजनी देवी की एकमात्र पुत्र अंकित कुमार (7) को बाहर निकाला गया।, फिर दरबारी उरांव की 12 वर्षीय पुत्री नीतू कुमारी और अंत में संजय उरांव का 8 वर्षीय पुत्र आशिक कुमार को बाहर निकाला स्थानीय नाविकों एवं गोताखोर करीब ढाई घंटे तक इस अभियान में जुटे रहे जिसमें अमित ऋषि व उनके दक की सराहनीय भूमिका रही। मौके पर थानाध्यक्ष मेनका रानी, अंचल निरीक्षक सत्यनारायण सोरेन, थाना के अनि फूलचंद राम, मो कासिम सहित पूर्व प्रमुख विवेंद्र सिंह, राजद प्रखंड अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया परमानंद यादव, समाजसेवी बिनोद सिंह, मुकेश कुमार, सौरभ सिंह आदि पहुंचे. तीनों बच्चों के शव को पुलिस अपने कब्जे में लेकर थाना लाया. जहां जांच की प्रक्रिया कर तीनों बच्चों के शव को पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया भेज दिया। घटना के बाद बैसा सीमा आदिवासी टोल में हर घर से चीत्कार की आवाजें ही सुनाई दे रही है इस चीत्कार से गांव में मातम छा गया है वहीं गांव के महिलाओं ने बताया कि कोसी नदी धार में अवैध रूप से मिट्टी खुदाई कर बड़े बड़े गढ्ढे बना दिया गया है जिस कारण यहां कुंड बन गई है इस कुंड ने ही गांव के तीन चिराग को बुझा दिया कहा इसके लिए इस अवैध खुदाई करने वालों पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए महिलाओं ने कहा कि यदि दोषी खनन वालों को सजा नहीं मिली तो आज हमारे घर की चिराग बुझी है कल किसी और के घर की घटना घटेगी।

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Posted By: Jagran
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