अनुसूचित जाति अत्याचार मामले पर प्रशासन गंभीर

अरवल :अनुसूचित जाति-जनजाति को प्रताड़ित करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी घटना से आपसी सद्भाव बिगड़ता है। सरकार ने पीड़ितों को मुआवजा देने की व्यवस्था की है। जिन मामले में मुआवजा भुगतान करना है उसका त्वरित निष्पादन करने की जरूरत है। उक्त बातें जिलाधिकारी रविशंकर चौधरी ने गुरुवार को अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण की समीक्षा बैठक में कही।

बताया गया कि जिले में 32 मामले में पुलिस अधीक्षक स्तर से पीड़ित और उनके आश्रित को मुआवजा राशि भुगतान के लिए अनुशंसा की गई है। अधिकांश मामले जाती सूचक संबोधन, गाली देने और मारपीट से संबिधत है। एक मामला हत्या की है जिसके लिए 8.25 लाख भुगतान की स्वीकृति दे दी गई है। बैठक में सभी मामलों के भुगतान की स्वीकृति प्रदान की गई । जिलाधिकारी के निदेश के आलोक में समिति द्वारा निर्णय लिया गया कि सभी पीडित लाभुकों को विभाग द्वारा प्राप्त अनुदान आवंटन की राशि को उनके खाते में भुगतान करने का निर्देश दिया गया।
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डीएम ने बताया कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण कानून के तहत मामले की निगरानी और अनुश्रवण नियमित होगी।
जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि विगत तीन वर्षों में अब तक कुल कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं। पूरा विवरणी समिति के समक्ष प्रपत्र में उपलब्ध कराएं। कितने मामले अभी तक लंबित हैं और कारण बताएं। कितने पीड़ित को मुआवजा राशि का भुगतान हुआ और लंबित मामले की स्थिति से अवगत कराएं। अत्याचार से संबंधित आवेदन प्राप्त होते ही तत्काल मामले को संज्ञान में लाया जाय।
Posted By: Jagran
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