कोरोना काल में फीका है मुहर्रम का उत्साह

अररिया। वैश्विक महामारी के बीच इस बार मुस्लिम समुदाय के लोग सादगी के माहौल में मुहर्रम पर्व मनाएंगे। हजारों की लागत से बनने वाले मनमोहक ताजिया भी इस बार नहीं बनाए जा रहे हैं। मुहर्रम कमेटी के सदस्यों ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण विश्व स्तर पर त्राहिमाम की स्थिति बनी है। हमें अपने परिवार, देश और दुनिया को बचाने के लिए शारीरिक दूरियों का पालन करना है ऐसे में भीड़भाड़ के बीच मुहर्रम पर्व मनाना महामारी को बढ़ावा देना है। हालांकि जोगियों का उत्साह काफी फीका पड़ा है। वहीं दूसरी तरफ मुहर्रम के अवसर पर अन्य राज्यों से लोग परिवार के साथ जश्न मनाने घर पहुंचते थे, लेकिन इस बार की हालात कुछ और है पर्व मुहर्रम नहीं मानने पर लोग घर से अन्य राज्यों के लिए पलायन करना शुरू कर दिए हैं। साथ ही प्रशासनिक विभाग घर में ही पर्व मनाने के लिए लगातार थाना व पंचायत स्तर पर शांति समिति की बैठक आयोजित कर लोगों को दिशा निर्देश दे रहे हैं। ऐसे में एक से बढ़कर एक करतब दिखाने वाले जोगियों का पूर्वाभ्यास भी वंचित है। मोहर्रम के अवसर पर ग्रामीण महिलाओं द्वारा टोली बनाकर गाए जाने वाली झझिया गीत भी इस बार सुनने को नहीं मिल रहा है। इस दौरान अररिया प्रखंड के किस्मत खवासपुर पंचायत के मोहर्रम कमेटी सदस्य व पूर्व मुखिया मुमताज अंसारी, साबिर अंसारी, अयूब अंसारी आदि ने बताया कि हमें कोरोना महामारी से लड़कर पहले उन्हें हराना है फिर अगले वर्ष धूमधाम से मुहर्रम पर्व मनाए जाने की बात कही।

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Posted By: Jagran
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