बीएड प्रवेश परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने पांच दिनों में मांगा जवाब

बीएड प्रवेश परीक्षा: सुप्रीम कोर्ट ने पांच दिनों में मांगा जवाब

बीएड की प्रवेश परीक्षा टलने के आसार
मेधा अंक के आधार पर नामांकन की सम्भावना
छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
बीएड की प्रवेश परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट ने कुलाधिपति से पांच दिनों के अंदर जवाब मांगा है। जवाब मिलने के बाद दो सितंबर को अगली सुनवाई होनी है। एक याचिका पर संज्ञान लेते हुए सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस नरीमन एवं नवीन सिन्हा की बेंच ने 27 अगस्त को सुनवाई करते हुए कुलाधिपति से जवाब देने को कहा है कि क्या इस वर्ष महामारी एवं बाढ़ की विशेष परिस्थिति को देखते हुए प्रवेश परीक्षा निरस्त कर छात्रों का दाखिला मेधा सूची के आधार पर किया जा सकता है । इसे अत्यंत गंभीर मानते हुए न्यायालय ने कुलाधिपति से निर्धारित अवधि में अपना जवाब देने को कहा है। महामारी और बाढ़ की आपदा को देखते हुए प्रवेश परीक्षा निरस्त कर मेधा सूची के आधार पर नामांकन लेने की संभावना को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। मालूम हो कि एसोसिएशन ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज ऑफ बिहार की ओर से मुख्य याचिकाकर्ता अध्यक्ष एनके वर्मा, उपाध्यक्ष तरुण प्रकाश और सचिव धीरज सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि वर्तमान समय में कोविड-19 महामारी और भीषण बाढ़ से उत्पन्न अव्यवस्था को देखते हुए इस वर्ष बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश परीक्षा को निरस्त कर आवेदित छात्रों का नामांकन स्नातक की मेधा सूची के आधार पर लेने की मांग की है। मालूम हो कि कोरोना संकट एवम बाढ़ की वजह से एंट्रेंस टेस्ट लेना संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में एनसीटीई के नॉम्र्स के तहत कॉलेज को खुद एडमिशन की अनुमति मिले अथवा संयुक्त प्रवेश परीक्षा का नोडल सेंटर एलएन मिथिला विवि प्राप्त आवेदनों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनाकर कॉलेजों को दे। कोरोना संकट कब खत्म होगा, पता नहीं चल रहा है। बार-बार प्रवेश परीक्षा स्थगित हो रही है। छात्रों का पूरा साल बर्बाद होने से बचाना है तो मेरिट से दाखिला लेना ही एकमात्र उपाय है।

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