प्राचार्य पद के हाईकोर्ट के निर्णय पर चर्चा का बाजार गर्म

प्राचार्य पद के हाईकोर्ट के निर्णय पर चर्चा का बाजार गर्म

छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
जेपी विवि के छात्र संगठनों ने महाविद्यालयों में प्राचार्य पद की समयावधि पर पटना हाई कोर्ट के आदेश आने के बाद कुलाधिपति को फैक्स भेजकर आदेश के दायरे में आने वाले प्राचार्यों का वित्तीय पावर सीज करने की मांग की है। उधर, विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यों ने बताया कि उनकी बहाली रिटायरमेंट तक के लिए हुई है। यह नियमानुकूल नहीं है। लेकिन ऐसा होता है तो उन्हें खुशी होगी कि इसी मानदेय पर विभागों में लौटकर सेवा करेंगे। हालांकि सोशल मीडिया पर जिनके कारण इस तरह का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है उन्हें प्राचायो्रं के ही ग्रुप में व्यंग्यात्मक माहौल का सामना करना पड़ रहा है। मालूम हो कि विश्वविद्यालय के ही एक प्रिंसिपल की अपील पर हाईकोर्ट ने राजभवन को आदेश दिया है कि वह 10 वर्षों से अधिक पद पर रहने वाले प्राचार्य के बारे में दिशा-निर्देश जारी करें । रेगुलेशन 2018 के अनुसार कोई भी व्यक्ति 5 साल और अधिक से अधिक दस साल तक एक कॉलेज में प्रिंसिपल रह सकता है। जानकारों की माने तो ऐसा ही एक निर्णय पूर्व में सरकार के तरफ से लिया गया था कि टीचिंग कैडर एवं टीचिंग केडर प्रिंसिपल को लेकर जिसमें कई प्रिंसिपल को हटना पड़ा जो अभी भी न्यायालय के शरण में गए हुए हैं।

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