सांस की बीमारी से ग्रसित बच्चों के लिए भी मास्क जरूरी

जागरण संवाददाता, सासाराम : रोहतास। वैश्विक महामारी कोरोना का असर बच्चों पर भी पड़ रहा है। कोरोना काल में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए उनके पोषण का ध्यान रखने के अलावा सुरक्षात्मक नियमों की जानकारी देना व उसका पालन करवाना आवश्यक है। कोरोना संक्रमण के रोकथाम को ले बच्चों में मास्क इस्तेमाल का बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता विश्व स्वास्थ्य संगठन जताई है। साथ ही शारीरिक दूरी के नियम का पालन, हाथों की स्वच्छता और घरों के अंदर के हिस्सों का हवादार होना भी जरूरी बताया है। उम्र के अनुसार बच्चों में नॉन मेडिकल मास्क यानी कपड़ों से बनाए गए मास्क के इस्तेमाल करने आवश्यकता जताई है। मास्क के इस्तेमाल की जानकारी आवश्यक :

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सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार ने बताया कि छह से 11 साल के उम्र के बच्चों को उन जगहों पर मास्क जरूर लगाने के लिए कहें जहां पर अधिक लोग मौजूद हैं और संक्रमण का खतरा हो सकता है। डब्लूएचओ ने सलाह दी है कि बच्चों को मास्क के बारे में जानकारी और उसके पहनने के तरीके को विस्तार से बताया जाना चाहिए. जब बच्चे मास्क लगाएं तो ध्यानपूर्वक देख लें कि उन्होंने सही से मास्क लगाया है या नहीं. वहीं डब्लूएचओ ने पांच साल या इससे कम उम्र के बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य नहीं बताया है तथा बच्चों के खेलते समय व शारीरिक गतिविधियों के दौरान मास्क लगाने को जरूरी नहीं कहा है। बच्चों के स्वास्थ्य पर दें ध्यान :
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक व नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. केएन तिवारी ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद हैं और बच्चों की पढाई ऑनलाइन माध्यम से हो रही है। इसका नतीजा यह है कि बच्चे अत्यधिक समय मोबाइल फोन और कंप्यूटर के सामने व्यतीत कर रहे है। इससे जहां उनकी आंखों पर अनावश्यक दबाव बढ़ रहा है, वहीं उनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों में मानसिक अवसाद, चिड़चिड़ापन आदि समस्या देखने को मिल रही है। इस समय बच्चों को पौष्टिक आहार व उनसे लगातार संवाद करते रहना उनके सेहत के लिए मददगार साबित हो सकता है।
Posted By: Jagran
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