गंगा के जलस्तर में आई कमी, दियारा के लोगों ने ली राहत की सांस

छपरा डोरीगंज। गंगा के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में लगभग 50 सेंटीमीटर की कमी हुई है। इसके कारण सदर प्रखंड के दियारा इलाकों के बरहरा महाजी, कोटवा पट्टी रामपुर, रायपुर, बिदगावां तथा मुसेपुर पंचायतों के लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि बाढ़ का खतरा अभी टला नहीं है। वहीं तटीय इलाके में नदी के जलस्तर में कमी तथा नदी के लहरों के कारण चिरांद के तिवारी घाट, जहाज घाट, पुरातात्विक स्थल मेला घाट तथा दफ्तरपुर आदि जगहों पर कटाव तेज हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इन जगहों पर जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक कोई भी पदाधिकारी ने मुआयना नहीं किया और ना ही कटाव रोकने का कोई उपाय ही किया गया है। इसके कारण पुरातात्विक स्थल के वजूद पर खतरा मंडराने लगा है।

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जासं, छपरा : जिले के मांझी तथा पानापुर अंचल में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितता का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर समाहर्ता विभागीय जांच सह आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी पदाधिकारी ने दोनों अंचल के नाजिर से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा है।
जानकारी के अनुसार, कोरोना के संक्रमण की रोकथाम को लेकर दोनों अंचलों को लाखों रुपए की राशि उपलब्ध कराई गई थी, जिसकी जांच जिला स्तरीय टीम ने की। जांच टीम को दोनों अंचलों के नाजिर ने रोकड़ बही उपलब्ध नहीं कराया। जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों अंचलों में रोकड़ बही का संधारण एक वर्ष से नहीं किया गया है। सभी अंचलों को आवंटित राशि के व्यय की जांच के लिए डीएम के निर्देश पर जिला स्तरीय जांच दल बनाया गया है। सभी अंचलों में इसकी जांच शुरू कर दी गई है। जांच टीम इन दोनों अंचलों में जांच करने पहुंची तो वहां के प्रधान लिपिक और नाजिर के द्वारा आवंटित राशि के खर्च का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया गया। इतना ही नहीं दोनों अंचलों में रोकड़ पंजी का संधारण एक वर्ष से नहीं किया गया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपर समाहर्ता ने दोनों अंचल के नाजिर और प्रधान लिपिक से स्पष्टीकरण मांगा है। सही जवाब नहीं देने पर कार्रवाई के लिए वरीय अधिकारियों को लिखा जाएगा।
Posted By: Jagran
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