पुजारी के अपहरण के बाद बाबा श्रृंगी ऋषि धाम नहीं जा रहे श्रद्धालु

लखीसराय । महर्षि श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि के रूप में विख्यात सूर्यगढ़ा प्रखंड अंतर्गत बाबा श्रृंगी ऋषि धाम में त्रेता युग में अयोध्या के राजा दशरथ न पुत्र प्राप्ति के लिए पुत्रेष्ठि यज्ञ किया था। यह स्थल रामायाणकालीन है। इस कारण वर्षों से आस्था का केंद्र बना हुआ है। दूर-दराज से सालों भर काफी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। पूजा-पाठ और चढ़ावा में काफी धन यहां प्राप्त होता है। इस पर अब नक्सलियों की नजर लग गई है। नक्सलियों द्वारा कथित संस्था के माध्यम से बाबा श्रृंगी ऋषि पर दान पेटी पर कब्जा जमाते हुए दक्षिणा एवं चढ़ावा की राशि की भी पुजारी से मांग की जाने लगी। अपनी मेहनत की कमाई देने से इंकार करने के कारण नक्सलियों द्वारा पुजारी का अपहरण कर लिया गया। पुजारी के अपहरण की घटना के बाद श्रद्धालु बाबा श्रृंगी ऋषि धाम जाने से परहेज करने लगे हैं। गत रविवार से यहां सिर्फ स्थानीय आस पास के लोग ही देखे जाते हैं। ऐसे में यह स्थल फिर से नक्सली कब्जे में आता दिख रहा है। जबकि पास में ही बन्नूबगीचा में सीआरपीएफ कैंप है।

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Posted By: Jagran
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