जिले में तुलसी व लेमन ग्रास की खेती करेंगे प्रवासी मजदूर

कोरोना संक्रमण में बाहर से आए प्रवासियों के लिए जिले में रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि आर्थिक परेशानियां नहीं हो। प्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पांच तरह के कलस्टर बनाए गए हैं। इसके तहत प्रवासी तुलसी व लेमन ग्रास की खेती करेंगे। इनके तेल से आयुर्वेदिक औषधियां तैयार होंगी। लेमन ग्रास के तेल से सफेद फिनाइल तैयार होगा। प्रवासियों को रोजगार देने के लिए सिसवन के चैनपुर में हर्बल फैक्ट्री लगाई गई है जहां हैंडवाश, फिनाइल, अगरबत्ती, सेनेटाइजर व मच्छर मारने वाला ऑयल बनाया जा रहा है। सीवान व महाराजगंज में पेभर ब्लॉक की फैक्ट्रियां लगाई जा रही है। ग्रुप ए में 37 मैकेनिक, 40 वेल्डर व 25 इलेक्ट्रिशियन का ग्रुप तैयार किया गया है। 29 हजार मजदूरों को मनरेगा से जोड़ कर जॉब दिया गया है। भवन निर्माण, जिला परिषद में हो रहे निर्माण कार्य, जल जीवन हरियाली व बांस से गेवियन बनाने के कार्य में प्रवासियों को जोड़ा गया है।

प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए सीवान में बेसन, सत्तू व फर्निचर व्यवसाय से जोड़ा जायेगा। विभाग द्वारा एक एप तैयार किया जा रहा है, जहां पांचों कलस्टर के प्रवासियों को रजिर्स्टड किया जायेगा। इसके लिए उन्हें 10 लाख तक का फंड उपलब्ध कराया जायेगा।
प्रतिदिन हो रही प्रवासियों की स्किल मैपिंग
शहर के मालवीय चौक स्थित डीआरसीसी में प्रतिदिन प्रवासियों की स्किल मैपिंग हो रही है, जिसके अनुसार उनको रोजगार दिया जा रहा है। डीआरसीसी प्रबंधक सुनीता शुक्ला ने बताया कि प्रवासियों के लिए तीन हजार सरकारी पद पौधा संरक्षण के लिए है। सुबह-शाम पौधों की देखभाल करनी है। इसके एवज में साढ़े पंद्रह सौ रुपये प्रतिमाह उनके खाते में भेजी जायेगी।

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