विदेशों में भी अनुकरण की जाती है राम के आदर्श : कुलपति

औरंगाबाद : सच्चिदानंद सिन्हा कॉलेज में शनिवार को इंटैनजिबल कल्चरल हेरिटेज डिपार्टमेंट ऑफ हेरिटेज सोसाइटी पटना के संयुक्त सहयोग से राम इन आर्ट ट्रेडिशन एंड लिटरेचर विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। पहले दिन के सेमिनार की अध्यक्षता करते हुए कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वेदप्रकाश चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। संबोधित करते हुए सेमिनार के मुख्य संरक्षक मगध विश्वविद्यालयके कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद एवं मुख्य अतिथि वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी ने कहा कि कहा कि भारत की संस्कृति के हर पहलू में राम और रामत्व रचा बसा है। हम सभी को उस तत्व का अध्ययन मनन और अपने व्यवहारिक जीवन मे उतारना चाहिए। कहा कि राम के आदर्श का अनुकरण भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी की जाती है। कुलपति प्रो. देवी प्रसाद तिवारी ने कहा कि भारत के राम साहित्य से लेकर रीति रिवाज में भी विद्यमान हैं। मुख्य वक्ता डॉ. बीआर मणि, गेस्ट ऑफ ऑनर प्रो. कुमार रत्नम,डॉ. अनंताशुतोष द्विवेदी, डॉ. नरेश वत्स ने संबोधित किया। सभी ने राम के आदर्शों की चर्चा की। कहा कि राम अपने आदर्श से ही पुरुषोत्तम माने गए। डॉ. अनंताशुतोष ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रकाश डाला। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नरेश वत्स ने किया। दो एकेडमिक सत्र में अनेकों लोगों ने पेपर प्रेजेंट किया जिसमें प्रो. शाहिद इंडोनेशिया से,अमरनाथ कुमार दिल्ली से,डॉ. वैसाख एएस केरला से, मर्सी दत्ता जेएलएनयू से,सूजन दास पश्चिम बंगाल से, अर्चना बाली से शामिल हुए। सेमिनार में शशि भूषण सिंह,डॉ. काशिम फरीदी,डॉ. मनिता के पांडेय, सनातन कुमार, मनोज कुमार सिंह, बहादुर भीम कुमार सिंह, आजाद हिद, संतोष सुमन,अनूप कुमार सिंह शामिल हुए।

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Posted By: Jagran
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