कोरोना वायरस से लड़ाई में मास्क को भींगने से बचाएं

जागरण संवाददाता, हाजीपुर:

कोरोना वायरस को चुनौती देने के लिए मास्क अनिवार्य है। लेकिन मास्क को लेकर जागरूक होना भी कम अहम नहीं। मौसम बरसात का है, इस कारण मास्क को लेकर ज्यादा सावधान रहो की जरूरत है। मौसम में नमी और उमस होने से पसीने की समस्या मास्क को नम बना देती है जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
हाजीपुर के एसीएमओ डॉ. ज्ञानशंकर का कहना है कि गीला मास्क कोरोना से बचाव में बिल्कुल प्रभावी नहीं है। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है, क्योंकि गीले कपड़े से वायरस शरीर के भीतर आसानी से प्रवेश कर जाते हैं।
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हमेशा रखें दो मास्क :
बचाव को लेकर डॉ ज्ञानशंकर कहते हैं कि कपड़े से बना सूखा मास्क ही सिर्फ कोरोना से बचा सकता है। गीला मास्क कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में प्रभावी नहीं हो सकता है। इसलिए बेहतर है कि हमेशा अपने पास दो मास्क रखें।
ऐसे करें बचाव :
गर्मी के दिनों में कॉटन वाले मास्क की जगह हल्के सर्जिकल मास्क लगाना ज्यादा फायदेमंद है। सर्जिकल मास्क की एक अच्छी बात यह है कि इससे सांस लेने में ज्यादा परेशानी नहीं होती है। साथ ही ज्यादा हवा आने से पसीना कम आता है।
एक्सरसाइज के दौरान मास्क का नहीं करें उपयोग
एक टाइट फिटिग मास्क जैसे-एन-95, सर्जिकल या कपड़े का मास्क शरीर की सांस लेने की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है, जिससे शरीर में ब्लड और गैस का सन्तुलन बिगड़ जाता है। और यह पॉजिटिव एंड-एक्सपीरेटरी प्रेशर को बढ़ावा देता है। यह पॉजिटिव एंड-एक्सपीरेटरी प्रेशर न्यूमोथोरैक्स का कारण बन सकता है। न्यूमोथोरैक्स को पंक्चर लंग्स भी कहा जाता है, जिसमें एक्सरसाइज के दौरान फेफड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ने पर फेफड़ों और छाती के बीच हवा भर जाती है और फिर फेफड़े पूरी तरह फूल नहीं पाते और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है।
Posted By: Jagran
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