पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का निधन, दौड़ी शोक की लहर

बक्सर : देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का सोमवार को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट कर इस बात की पुष्टि की है। इस खबर के आते ही पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी है और जगह-जगह विभिन्न पार्टियों के दफ्तरों में शोक सभाओं का आयोजन करते हुए नेताओं द्वारा अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही है।

इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री सह बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि स्व. प्रणव मुखर्जी देश के 13वें राष्ट्रपति थे, और 25 जुलाई 2012 से राष्ट्रपति के रूप में देश को अपनी सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गत वर्ष 26 जनवरी 2019 को प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। ईश्वर से प्रार्थना है कि वो उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। वहीं, सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने अपनी शोक संवेदना में कहा कि हमने देश का एक रत्न खो दिया। प्रणव मुखर्जी एक वकील के साथ कॉलेज के प्राध्यापक भी रह चुके थे। पूर्व राष्ट्रपति के निधन के समाचार को सुनकर हृदय को गहरा आघात लगा है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष तथागत हर्षवर्धन ने इसे अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। जबकि कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव अनिल त्रिवेदी ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रणव मुखर्जी के पिता भी कांग्रेस पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता होने के साथ सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी थे। वैसे परिवार में जन्मे प्रणव मुखर्जी के निधन से देश को भारी क्षति पहुंची है, जिसकी कभी पूर्ति नहीं की जा सकती है।
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Posted By: Jagran
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