लेखा पदाधिकारी का मोबाइल खोलेगा मनरेगा में भ्रष्टाचार का राज

बक्सर : डीडीसी कार्यालय में कार्यरत वरीय लेखा पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार को विजिलेंस टीम द्वारा घूस लेते पकड़े जाने के बाद यह साबित हो गया कि भ्रष्टाचार की जड़ काफी ऊपर तक फैली हुई है। इतना ही नहीं योजनाओं से संबंधित जांच प्रक्रिया को लीपापोती करने के लिए किसके इशारे पर मनरेगा कर्मियों का वह दोहन करता था यह बात भी विजिलेंस टीम के समक्ष उसके स्वीकारोक्ति बयान में सामने आ चुकी है। मगर इस घूस कांड के तह तक पहुंचने के लिए विजिलेंस टीम अब वरीय लेखा पदाधिकारी के मोबाइल फोन को खंगालने में जुट गई है।

ऐसा माना जा रहा है कि धर्मेंद्र का मोबाइल डीडीसी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। निगरानी विभाग से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस मामले में उप विकास आयुक्त की भूमिका भी जांच के दायरे में है। इनसे भी विजिलेंस टीम जांच प्रक्रिया को गति देने के लिए कभी भी पूछताछ कर सकती है। मगर आधिकारिक तौर पर फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की जा रही है।
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बताते चलें कि डीडीसी कार्यालय में कार्यरत वरीय लेखा पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के आर्थिक दोहन से हर मनरेगा कर्मी किसी न किसी रूप में परेशान थे। यहां तक की जिन योजनाओं की बुधवारी जांच हो चुकी थी उनका भी कमीशन के लिए कई बार जांच कराया गया। मगर मामला डीडीसी कार्यालय से जुड़ा था इसलिए कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। परन्तु जब भ्रष्टाचार बहुत ज्यादा बढ़ गया तो पंचायत रोजगार सेवक मनोरंजन कुमार सिंह ने इसकी शिकायत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में करते हुए जांच की गुहार लगाई गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए निगरानी विभाग द्वारा डीएसपी सर्वेश कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इसके बाद पंचायत रोजगार सेवक के शिकायत पर न सिर्फ जांच पड़ताल शुरू हुई। बल्कि पचास हजार घूस लेते टीम के सदस्यों ने उसे धर दबोचा। सूत्रों की मानें तो अब निगरानी विभाग की टीम वैसे पदाधिकारियों का पता लगाने में जुट गई है, जो किसी न किसी रूप में वरीय लेखा पदाधिकारी धर्मेंद्र कुमार के संपर्क में थे।
Posted By: Jagran
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