अपराधियों की गोली से घायल राहुल ने तोड़ा दम, परिवार में पसरा मातम

समस्तीपुर । हसनपुर थाना क्षेत्र के बल्हपुर गांव में दस दिन पूर्व अपराधियों की गोली से जख्मी 23 वर्षीय राहुल कुमार की मौत बेगूसराय शहर के एक निजी क्लिनिक में इलाज के दौरान हो गई। इससे परिजनों के साथ ग्रामीणों में भी मातमी सन्नाटा पसर गया है। इस हत्याकांड में मृतक के छोटे भाई राजन कुमार के फर्द बयान पर पुलिस ने मंगलवार को प्राथमिकी दर्ज कर तीन लोगों को नामजद करते हुए अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। बता दें कि पिछले 20 अगस्त की रात राहुल अपने घर में सोया हुआ था। बाइक सवार हथियारबंद अपराधियों ने बल्हपुर वाटरवेज बांध पर पहुंचकर अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी। फायरिग की आवाज सुनकर घर में सोए राहुल बाहर निकलकर मामले को समझने का प्रयास करने लगा।इसी क्रम में अपराधियों द्वारा चलाई गई एक गोली उसके पेट में लग गई। गोली लगते ही वह बेहोश होकर गिर गया। उसके बाद सभी अपराधी फरार हो गए। परिजनों ने तत्क्षण इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हसनपुर में भर्ती कराया। लेकिन चिकित्सक ने गंभीर हालत देख प्राथमिक उपचार कर बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल समस्तीपुर रेफर कर दिया। मगर परिजन सदर अस्पताल समस्तीपुर जाने के बजाय बेगूसराय शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दस दिन बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। घटना के ग्यारहवें दिन मृतक के छोटे भाई राजन कुमार के फर्द बयान पर पुलिस ने हसनपुर थाना कांड संख्या-198/20 दर्ज कर बिथान थाना क्षेत्र के बहोरबा ग्राम निवासी रामधनी यादव एवं भुईधर गांव के संतोष यादव और गुंजन यादव को नामजद किया है। थाने में दर्ज प्राथमिकी में राजन ने बताया है कि पुरानी दुश्मनी को लेकर रामधनी यादव, गुंजन यादव और संतोष यादव ने उसके घर पर पहुंचकर अंधाधुंध फायरिग कर उसके भाई की हत्या कर दी। ग्रामीणों की बात पर गौर करें तो मृतक और अपराधी दोनों आपस में नजदीकी रिश्तेदार है। 20 अगस्त की शाम लरझा घाट चौक पर सभी एक साथ शराब पी रहा था। नशा जब परवान चढ़ गया तो रुपये के लेनदेन की बातें याद आते ही उसी जगह हिसाब किताब होना शुरू हो गया। शराब के नशे में सही हिसाब नहीं होने पर राहुल के चाचा के साथ झड़प हो गई। हल्की झड़प धीरे-धीरे हिसक रूप धारण कर लिया। उस रात राहुल को अकेला रहने पर संतोष, रामधनी और गुंजन ने जमकर पिटाई कर दी। इसी क्रम में राहुल ने अपने मोबाइल फोन से लरझा घाट स्थित एक रिश्तेदार को सूचित कर दिया। सूचना मिलते ही तीन चार की संख्या में रिश्तेदार पहुंचकर उन तीनों को भी जमकर धुनाई कर दी। इसी क्रम में रिश्तेदार अपराधियों ने राहुल को जान से मार देने की धमकी भी दे डाली। देर रात हथियार से लैस होकर संतोष अपने तीन चार साथियों के साथ पहुंचकर फायरिग की घटना का अंजाम दिया। जिसमें एक गोली राहुल के पेट में लग गई थी। लोगों का यह भी कहना है कि जब मृतक के परिजनों को महसूस हो गया कि अब राहुल खतरे से बाहर हो गया है। तब दोनों रिश्तेदार आपस में बैठकर समझौता करने लगे। जिस कारण दस दिन बीत जाने के बाद भी थाने में न ही प्राथमिकी दर्ज कराई गई और न ही बेगूसराय पुलिस को फर्द बयान लेने दिया गया। लेकिन जब राहुल इलाज के दौरान दम तोड़ दिया तो मंगलवार की सुबह ही मृतक के छोटे भाई के फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामला जो भी हो अब तो पुलिसिया अनुसंधान में ही सत्यता का पता चल सकेगा। इस संबंध में थानाध्यक्ष चन्द्रकान्त गौरी ने बताया कि राहुल हत्याकांड की प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही पुलिस गहन जांच में जुट गई है। लेकिन प्रथम ²ष्टया मामला लेन देन को लेकर ही घटना का अंजाम देना प्रतीत होता है। वैसे हत्याकांड के नामजद अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

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Posted By: Jagran
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