खेत में मकड़ी तो धान नहीं होगा खखड़ी

मदन शर्मा, जहानाबाद :

खेतों में यदि मकड़ी दिखे तो समझें कि धान खखड़ी नहीं होगा। मकड़ी किसानों के खेतों में धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को आहार बनाता है। ऐसे में बिना कीटनाशक के इस्तेमाल किए ही मांसाहारी कीट फसल को सुरक्षा प्रदान करते हैं। अनजाने में कीटनाशी छिड़काव से मित्र कीट भी मारे जाते हैं।
जहानाबाद जिले में इस बार मानसून के प्रारंभिक अवधि में सामान्य से अधिक बारिश के कारण भू-जल स्तर सामान्य बना हुआ है। नतीजा किसान को सिंचाई के लिए परेशानी कम है। कृषि विशेष की मानें तो वर्तमान में उमस भरी गर्मी से धान की फसल पर कीटों का प्रकोप अधिक होता है। दरअसल 25 से 35 डिग्री के बीच तापमान में उमस से कृषि अपशिष्ट सड़ने से कीट पैदा होते हैं। इसमें शाकाहारी कीट फसल के पत्ती और तना को खाकर जीते हैं। ऐसे कीटों को मांसाहारी कीट आहार बनाकर फसल बचाव करता है।
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कृषि पदाधिकारी सुनिल कुमार ने किसानों से धान के फसल में लगने वाले रोग व्याधि से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि पौधे के पत्तियों में थोड़ी भी मुर्झाव का अहसास हो तो उसके कोमल पतियों के जड़ में कोई कीट का आक्रमण हो रहा है। ऐसे में किसानों को उसे मारने के लिए दवा का उपयोग करना जरुरी है। वहीं पौधे संरक्षण के सहायक निदेशक ने बताया कि पत्र अंगमारी से पौधों के पत्ते उपर से लाल होते हुए दोनों किनारें सुखते-सुखते पूरा पत्ते सुख जाते हैं। इसके निदान के लिए स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 50 ग्राम, कॉपर आपॅक्सीक्लोराईड 50 प्रतिशत घुलनशील चूर्ण का 2.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर पौधों पर छिड़काव कर बचाया जा सकता है। गाय का ताजा गोबर का घोल बनाकर छिड़काव करने से कीट मर जाते हैं। शीथ ब्लाईट रोग से पत्रावरण पर हरे भूरे रंग के अनियमित आकार के धब्बे बनते हैं जो देखने में सर्प के केचूल जैसे लगते है। इस कीट से बचाव को लेकर कार्बेडाजिम 50 प्रतिशत घुनलशील चूर्ण का एक ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर या हेक्साकोनाजोल पांच प्रतिशत ईसी का दो मिली प्रति लीटर सुबह या संध्या के समय छिड़काव करना चाहिए। धान का दाना दुधिया अवस्था में रहता है तो उस समय गंधी बग कीट का प्रकोप हो जाता है। गंधी कीट दाना में छेद करके उसके दूध को पी जाता है। धान का दाना खखड़ी हो जाता है। इसके लिए मालाथियान 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करना चाहिए। छिड़काव सुबह के समय करें। घरेलू विधि से मरा हुआ मेढ़क को सड़ाकर उसके घोल में कपड़ा को भिगोकर खेत में यत्र-तत्र टांग दे अथवा घोल बनाकर छिड़काव करने से कीट के प्रभाव से बचा सकता है।
Posted By: Jagran
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