इंजीनियरिंग कॉलेज के टेक्विप से बहाल प्राध्यापकों ने किया प्रदर्शन

इंजीनियरिंग कॉलेज के टेक्विप से बहाल प्राध्यापकों ने किया प्रदर्शन

सेवा नियमितीकरण पर सरकार की चुप्पी के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत
30 सितम्बर को प्राध्यापकों की सेवा समाप्ति की हुई है घोषणा
छपरा। हिंदुस्तान प्रतिनिधि
लोकनायक जयप्रकाश नारायण इंजीनियरिंग कॉलेज में टेक्विप कार्यक्रम के अंतर्गत बहाल प्राध्यापकों ने प्रदर्शन किया। अपनी सेवा नियमितीकरण पर सरकार की चुप्पी के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत की। हाथ मे पोस्टर लेकर कॉलेज के मुख्य द्वार पर मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की क्योंकि 30 सितम्बर को टेक्विप से बहाल प्राध्यापकों की सेवा समाप्ति की घोषणा हुई है । प्राध्यापकों ने मांगों के समर्थन में प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। ये प्राध्यापक अपनी सेवा एलएनजेपीईटी छपरा के समेत जीईसी सिवान, जीईसी कैमूर एवं जीईसी गोपालगंज मे भी दे रहे हैं। इनके जाने से इन सभी कॉलेजों का पठन-पाठन कार्य बुरी तरह प्रभावित होगा। छपरा में 27 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति जनवरी 2018 में हुई थी। अभी तक उनके भविष्य के बारे में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग बिहार सरकार द्वारा स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। प्रदर्शन में प्रो चंदन कुमार , प्रो अंशु सिन्हा, प्रो सम्स तब्रेज, प्रो के के चौबे, प्रो पीयूष कुमार पाण्डेय, प्रो शिवम कुमार, प्रो घनश्याम प्रजापति, प्रो विवेक कुमार तिवारी व अन्य शामिल हुए।
बहाली के बाद शैक्षणिक माहौल बदलने का दावा
टेक्विप शिक्षकों का दावा है कि उनके आने से ना केवल नियमित क्लासेस में सुधार आया है बल्कि संस्थानों में प्रायोगिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए भी 106 नयी प्रयोगशाला विकसित की गयी हैं। पिछले 2 सालों में 275 से ज्यादा छात्रों का देश के प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट हुआ है। एआईसीटीई ने 2022 से तक सभी विभागों को एनबीए से मान्यता प्राप्त कर लेना अनिवार्य कर दिया है। इन सहायक प्राध्यापकों के सहयोग से 31 विभागों में से 28 विभागों का एनबीए से मान्यता हेतु आवेदन किया जा चुका है।

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