जख्म देख लगाएं धारा, आधार हीन कांड रोकें

जहानाबाद : पुलिस का दायित्व है कि जख्म के अनुसार प्राथमिकी में सुसंगत धारा लगाएं। आधारहीन मामले में कमी आएगी और दोषी बच नहीं सकेंगे। यदि विषय के बारे में जानकारी नहीं हो तो वरीय अधिकारी से तत्काल मार्गदर्शन मांग सकते हैं। उक्त बातें डीएम और एसपी ने संयुक्त रूप से अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के मामले की समीक्षा बैठक में कही।

जिलाधिकारी नवीन कुमार ने कहा कि थानाध्यक्षों को यदि नियम की जानकारी नहीं है तो वे अपने वरिष्ठ पदाधिकारी से बात कर सही मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्य करेंगे। मामलों को कम करने में इससे निश्चित हीं सहायता मिलेगी। पुलिस अधीक्षक मीनू कुमारी ने थानाध्यक्षों को समय से मुआवजा प्रस्ताव देने और समय से जाति प्रमाण पत्र के साथ आवेदक से करने को कहा है।
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उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करते समय चोट का ब्योरा दर्ज करें और वहीं धारा लगाएं जो उस ब्योरे से मेल खाती हो। उन्होंने कहा कि आवेदन को सही नियमानुसार आगे बढ़ाएं। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति अधिनियम की विभिन्न धाराओं से एक बार फिर अवगत कराया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धाराओं का सही और सटीक प्रयोग करें ताकि गलत, आधारहीन मामलों पर रोक लग सकें। घटना का स्थान, समय और बयान भी सही तरीके से लेने की हिदायत सबको दी। उन्होंने ऐसे गवाहों को दर्ज करने को कहा जो सही प्रकार से ब्यान दे सकें और कोर्ट में प्रतिकूल व्यवहार नहीं करें। उन्होंने अपराधियों की हिस्ट्री भी प्राथमिकी के साथ दर्ज करने का निर्देश दिया। इस मौके पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अशोक कुमार पांडेय, कल्याण पदाधिकारी जर्नादन राम, डीपीआरओ मार्गन सिन्हा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
Posted By: Jagran
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