अनियमित एरियर भुगतान की जांच को डीएम ने गठित की टीम

बक्सर : पिछले जुलाई माह में नियोजित शिक्षकों को करीब 42 लाख रुपये के किए गए अनियमित एरियर भुगतान मामले में जिलाधिकारी अमन समीर ने संयुक्त जांच दल का गठन कर दिया है। उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में होने वाले इस जांच में स्थापना उप समाहर्ता एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को रखा गया है। जिलाधिकारी ने 15 दिनों के अंदर जांच दल को संबंधित मामले की जांच कर संयुक्त जांच प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है।

बता दें कि सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व तत्कालीन जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना रामेश्वर सिंह ने संबंधित बीईओ द्वारा बिल नहीं भेजे जाने के बाद भी शिक्षकों को लाखों रुपये के एरियर का भुगतान कर दिया था। तब तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी विजय कुमार झा ने भी इसे गलत ठहराया था। डीईओ ने इसे गंभीर मामला बताया था और इसकी तहकीकात करने के लिए वह मध्य बिहार ग्रामीण बैंक भी गए थे। दूसरी तरफ तत्कालीन सेवानिवृत्त स्थापना डीपीओ का कहना था कि एमजेसी के इस मामले में मार्च माह में ही भुगतान करने के लिए कहा गया था। जबकि, अवमाननावाद में ऐसा कोई आदेश पारित ही नहीं हुआ था। दैनिक जागरण द्वारा इस मामले को उजागर किए जाने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था और डीएम ने मामले को संज्ञान में लिया था। हालांकि, उन्होंने मामले में अब जांच दल का गठन किया है। क्या था मामला वर्ष 2015 में नियोजित करीब 21 शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान के लिए ब्रह्मपुर बीईओ ने जिला शिक्षा पदाधिकारी से 26 जून को मार्गदर्शन मांगा था। जिसके बाद तत्कालीन डीईओ ने तत्कालीन डीपीओ स्थापना को संचिका उपस्थापित करने के लिए कहा था लेकिन, डीपीओ स्थापना ने संचिका उपस्थापित नहीं कर आनन-फानन में सेवानिवृत्ति से एक दिन पूर्व 29 जून को शिक्षकों को लाखों रुपये का भुगतान कर दिया। जबकि, बीईओ ने मार्गदर्शन में इसका जिक्र किया था कि जब वेतन निर्धारण होता है तो पहले नए निर्धारण के अनुसार अद्यतन वेतन का भुगतान होता है, उसके बाद बकाया अंतर वेतन का भुगतान किया जाता है। बीईओ ने उठाया था सवाल, कहा था- होगी आदेश की अवहेलना तब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा मांगे गए मार्गदर्शन में कहा गया था कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा यह पत्र जारी किया गया है कि फिलहाल किसी प्रकार का बकाया वेतन का भुगतान नहीं करना है और केवल अद्यतन वेतन का भुगतान करना है। ऐसे में बकाया वेतन का भुगतान करना निदेशक के आदेश की अवहेलना है। बीईओ ने मार्गदर्शन में कहा था कि 2019 में जो प्रशिक्षित हुए हैं, उनके बकाया राशि का भुगतान किसी जिले में नहीं हुआ है। इस परिस्थिति में उन्होंने मार्गदर्शन मांगा था कि पहले अद्यतन वेतन का भुगतान किया जाए या बकाया वेतन का। जबकि, डीपीओ ने आननफानन में बकाया वेतन का भुगतान कर दिया।
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Posted By: Jagran
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