जिले में एमडीएम का चावल पहुंचाने में हुआ लाखों का खेल

बक्सर : लॉकडाउन में जब विद्यालय बंद हो गए तो सरकार ने बच्चों को एमडीएम का चावल देने का निर्णय लिया। इसके लिए सभी जिलों को निर्देश जारी किया गया। उन्हें 80 दिन के हिसाब से सभी बच्चों को चावल देने का फरमान सुनाया गया। इसके तहत जिले में भी चावल का उठाव कर उसे विद्यालयों तक पहुंचाया गया। लेकिन, हमेशा मौका की तलाश में रहने वाला शिक्षा विभाग ने इस मौके को भी भुना दिया।

बताया जाता प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों ने एमडीएम का चावल पहुंचाने के नाम पर लाखों का खेल कर दिया। दरअसल, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों ने विद्यालयों में चावल तो पहुंचाया लेकिन चावल पहुंचाने का ट्रांसपोर्टेशन खर्च और चावल उतारने और विद्यालय में रखवाने का मजदूरी खर्च हेडमास्टरों से वसूल लिया। जबकि, उन्हें ऐसा नहीं करना था बल्कि, इस खर्च उन्हें खुद वहन करना था। प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य कार्यसमिति सदस्य लालबाबू मिश्रा ने बताया कि सदर प्रखंड के ही प्राथमिक विद्यालय कुदरतीपुर, मध्य विद्यालय जरिगावां, मध्य विद्यालय बोक्सा, मध्य विद्यालय नाट, प्राथमिक विद्यालय उमरपुर समेत उन सभी विद्यालयों में जहां एनजीओ के द्वारा खाना नहीं दिया जाता है ट्रांसपोर्टेशन खर्च एवं मजदूरी के नाम पर तीन से चार हजार रुपये की वसूली की गई। उन्होंने बताया कि इस तरह का खेल पूरे जिले में किया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम सुधीर रंजन सहाय ने बताया कि अगर ऐसा हुआ है तो यह गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि उनके पास इस तरह की शिकायत नहीं आई है और अगर इस तरह की शिकायत आती है तो वह संबंधित बीईओ पर कार्रवाई करेंगे।
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प्रति क्विटल 40 रुपये मिलेगा ट्रांसपोर्टेशन खर्च
बताया जाता है कि विद्यालय तक चावल पहुंचाने पर संबंधित बीईओ को प्रति क्विटल 40 रुपया के हिसाब से राशि प्रदान की जाएगी। जाहिर सी बात है प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी यह बिल विभाग से भंजाएंगे। लेकिन, सवाल उठता है कि फिर उन्होंने हेडमास्टरों से यह पैसा क्यों लिया।
1143 में 832 विद्यालयों में दिया गया है चावल
मई से जुलाई तक क्रमश: 24 दिन, 30 दिन और 26 दिन के हिसाब से बच्चों को 80 दिन का चावल देना था। डीपीओ ने बताया कि इसके तहत प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को आठ किलो और मध्य विद्यालय वर्ग 6 से आठवीं तक के बच्चों को 12 किलो चावल देना है। उन्होंने बताया कि जिले के 1143 विद्यालयों में 832 विद्यालयों में चावल की आपूर्ति कर दी गई है।
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विद्यालय में चावल पहुंचाने के लिए प्रति क्विंटल 40 रुपया के हिसाब से बीईओ को दिया जाना है। उन्हें यह पैसा हेडमास्टरों से नहीं लेना है। अगर ऐसा किया गया है तो यह गलत हुआ है। इसकी शिकायत मिली तो संबंधित बीईओ पर कार्रवाई की जाएगी।
सुधीर रंजन सहाय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम, बक्सर।
Posted By: Jagran
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