कोरोना काल में शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग काफी महत्वपूर्ण

- वैशाली महिला महाविद्यालय में योग के महत्व विषय पर वेबिनार आयोजित

जागरण संवाददाता, हाजीपुर :
योग एक अनुशासन है। यह आंतरिक अनुशासन को संवाहित करता है। योग के आसन यम, नियम, प्रणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि आदि शरीर के साथ ही मानसिक स्थिति को भी संतुलित करते हैं। यह बातें स्थानीय वैशाली महिला कॉलेज में दर्शनशास्त्र विभाग एवं आइक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एकदिवसीय वेबिनार में वक्ताओं ने कही।
मुख्य संरक्षक बीआरए बिहार विवि के कुलपति प्रो हनुमान प्रसाद पांडेय, संरक्षक एवं वैशाली महिला महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. लक्ष्मी कुमारी एवं दर्शन विभाग की डॉ रेशमा सुल्ताना के आयोजकत्व में हुए वेबिनार में वैश्विक महामारी के दौरान व्यक्ति पर पड़ रहे शारीरिक एवं मानसिक प्रभाव पर चर्चा की गई। समन्वयक डॉ. अलका एवं सह समन्वयक प्रो. सीबी सिन्हा के संचालन में दिल्ली विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आदित्य कुमार गुप्ता ने योग के बारे में बताया। कहा कि कोई भी ज्ञान सार्थक और प्रसांगिक तब तक नहीं हो सकता जब तक उसे आज के संदर्भ में ना लाया जाए। उन्होंने जीवन को निचेले स्तर से ऊंचे स्तर तक ले जाने की बात कही है।
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बीआरएबीयू के एलएस कॉलेज दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार ने कहा कि योग एक अनुशासन है। वेबिनार में 700 से अधिक लोगों ने निबंधन कराया। केरल, तमिलनाडु, दिल्ली, सूरत, झारखंड, छत्तीसगढ़, पंजाब आदि शहरों से भी प्रतिभागी जुड़े थे। वैशाली महिला कॉलेज के दर्शन विभाग के सेवानिवृत्त शिक्षिकाएं डॉ जयंती एवं डॉ. जोशना भी इसमे शामिल थीं। इस मौके पर सलाहकार समिति के डॉ. अहमद अली, डॉ. रेणुबाला, डॉ. पायोली, डॉ. रमेश कुमार विश्वकर्मा. डॉ. प्रत्यक्ष राज, डॉ. ज्योति कुमारी, डॉ. सोनू कुमार के अलावा वैशाली महिला कॉलेज के अन्य शिक्षक भी शामिल थे।
Posted By: Jagran
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