पुलिस की कार्रवाई से ध्वस्त हुई नक्सलियों की रणनीति

मुंगेर। हाल के दिनों में नक्सली फिर से सक्रिय हो गए थे। वे संगठन का विस्तार करने के लिए लगातार युवाओं को जोड़ने का प्रयास कर रहे थे। यह सूचना एसपी लिपि सिंह को मिली। एसपी के निर्देश पर पुलिस लगातार नक्सली संगठन की गतिविधियों पर नजर रख रही थी।

बीते दो सप्ताह से संग्रामपुर, खड़गपुर, कासिम बाजार, मुफस्सिल, धरहरा थानाध्यक्षों की अगुआई में पुलिस की कई टीमों द्वारा सूचना एकत्रित की जा रही थी और रेकी भी की जा रही थी। कई गांव में पुलिस ने रेकी के पश्चात कार्रवाई का खाका तैयार कर लिया। इसके बाद जिस दिन बहादुर कोड़ा के पास कुछ लोग हथियारों के साथ पहुंचाए जा रहे थे, उसी समय मुंगेर पुलिस द्वारा एसटीएफ अभियान दल छह और अभियान दल सात की मदद से कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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गिरफ्तार पुनीत मंडल है हार्डकोर नक्सली, 20 साल से था सक्रिय
मुंगेर पुलिस के हत्थे चढ़ा पुनीत मंडल हार्डकोर नक्सली है। वह बीते 20 वर्ष से संगठन के लिए नई भर्ती करना, लोगों को संगठन से जोड़ना, संगठन को पुलिस की गतिविधियों की सूचना देना, हथियारबंद मारक दस्ता को राशन तथा दूसरे आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित कराना, संगठन के लिए लेवी वसूलने और उसे प्रवेश दा तक पहुंचाने की जिम्मेवारी निभा रहा था। पुनीत मंडल शामपुर ओपी अंतर्गत डंगराचक गांव का रहने वाला है। पहले भी वह जेल जा चुका था और जेल से आने के बाद भी उसकी गतिविधियां लगातार जारी थी। एसपी ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि माओवादी एरिया कमांडर बहादुर कोड़ा के साथ-साथ जोनल कमांडर और स्टेट कमेटी में भी पुनीत की मजबूत पहुंच थी। बहादुर कोड़ा के साथ वह अक्सर पहाड़ों से सटे गांव में घूमता था। गांव में घूम-घूम कर लोगों को संगठन से जुड़ने के लिए दबाव दिया जाता था और पुनीत मंडल के कहने पर हथियारबंद दस्ता के सदस्य गांव में आकर लोगों को संगठन से जुड़ने के लिए धमकाते भी थे।
संगठन में नई भर्तियां करता था
पुनीत मंडल ने भी यह स्वीकार किया है कि बहादुर कोड़ा के साथ वह जुड़ा हुआ था और बहादुर कोड़ा के कहने पर संगठन में नई भर्तियां करना तथा पुराने लोगों को भी संगठन से जोड़ने के काम में वह लगा था। पूर्व नक्सली डब्लू चौरसिया को भी संगठन से दोबारा जोड़ने की कोशिश पुनीत मंडल द्वारा की गई थी। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे अपराध करने वाले अपराधियों को भी संगठन से जोड़ने की रणनीति बनी थी। शीर्ष माओवादी नेताओं के निर्देश पर पुनीत मंडल अपने काम में लगा हुआ था और यही कारण है कि उसने पूर्व नक्सली डब्लू चौरसिया और पूर्व से जेल जा चुके बमबम यादव, भीम तुरी, सुनील तुरी जैसे लोगों को संगठन से जोड़कर दस्ता के पास ले जा रहा था लेकिन ऐन समय पर पुलिस को सटीक सूचना मिल गई और इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
Posted By: Jagran
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