राजेपुर की चूड़ियां खनके की कलाई में

अरवल : राजेपुर गांव में प्रवासी मजदूरों के हाथों बनीं चूड़ियां अब बिहार के सुहागिनों की कलाई में खनकेगी। नव परिवर्तन योजना के तहत यहां कंगन, लहठी और चूड़ी का निर्माण होगा। नए उद्योग का शुभारंभ मंगलवार को किया गया।

प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के लिए के लिए नवप्रवर्तन योजना के अंतर्गत प्रखंड क्षेत्र के राजेपुर गांव में मंगलवार को कंगन लहठी, चूड़ी उद्योग का उद्घाटन उप-विकास आयुक्त राजेश कुमार ने किया । उन्होंने कहा कि प्रवासियों को हर हाल में काम मुहैया कराया जाएगा । इसके लिए सरकार के द्वारा कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग के नवप्रवर्तन योजना के तहत प्रवासियों को काम के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनको ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर लघु उद्योग स्थापित कर उन्हें काम मुहैया कराया जाएगा। इसी के तहत पुर गांव में भी कंगन चूड़ी उद्योग का शुभारंभ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कुशल मजदूरों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है और इसके हुनर का लाभ उठाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में समूह बनाकर इस तरह के छोटे-छोटे उद्योग स्थापित किया जा रहे हैं उन्होंने कहा कि यहां से उत्पादित सामानों को बाजार भी मुहैया कराया जाएगा। जिसके लाभ से क्षेत्र के ग्रामीण संसाधन सम्पन्न हो सके । उन्होंने कहा कि जल्द ही हथकरघा उद्योग को भी चालू किया जाएगा और प्रवासी व अन्य मजदूरों को काम मुहैया कराया जाएगा ।

इस अवसर पर जिला उद्योग महाप्रबंधक पौतुष सोरेन, उप समाहर्ता प्रीति कुमारी ,प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार, अंचलाधिकारी मनोज कुमार ,उद्योग विकास प्रसार पदाधिकारी धनजी कुमार , डीपीएम गरिमा भारद्वाज आदि उपस्थित थे। डीडीसी सहित वरीय पदाधिकारियों ने कंगन लहठी, चूड़ी उद्योग में काम करें श्रमिकों के स्थलों का भी निरीक्षण किया और इनके काम करने के तरीकों का भी अवलोकन किया।
Posted By: Jagran
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