कुपोषण से बचाव के लिए पोषक तत्व की जरूरत

राष्ट्रीय पोषण माह के तहत समेकित बाल विकास परियोजना कार्यालय में स्थापित प्रखंड स्तरीय पोषण परामर्श केंद्र का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के बाद जागरुकता रथ को रवाना करते हुए सीडीपीओ राहुल शंकर ने कहा कि कुपोषण को दूर करने के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया जा रहा है। आमजन में पोषण के प्रति नजरिया व उनके रोजाना के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए ही पोषण परामर्श केंद्र की स्थापना की गई है। पोषण परामर्श केंद्र की मदद से माता-पिता अपने शिशुओं के बेहतर पोषाहार देने और बच्चों में कुपोषण संबंधी जानकारी ले सकते हैं। सीडीपीओ बताया कि पोषण परामर्श केंद्र की मदद से शिशुओं, बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं व धात्री माताओं को आवश्यक पोषण की जानकारी प्राप्त करने में काफी सुविधा होगी। पोषण संबंधी जानकारियां प्राप्त करके महिलाएं रोजमर्रा की रसोई में खाना पकाने की गतिविधियों में शामिल कर सकेंगी।

6 माह तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध
नवजात शिशुओं को छह महीने तक सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। इसके अलावा कुछ भी नहीं देना है। वहीं दो साल तक स्तनपान के साथ पूरक आहार भी देना होता है। सीडीपीओ ने कार्यालय के सभी कर्मियों, सेविकाओं व अन्य कर्मियों को कुपोषण को दूर करने और पोषण के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने की शपथ दिलाई। इस मौके पर महिला पर्यवेक्षिका सरिता कुमारी, परियोजना के कार्यपालक सहायक आशीष श्रीवास्तव, रघुनाथपुर सेविका संघ की मास्टर ट्रेनर आरती देवी, सेविका सिंधु पांडेय, गायत्री देवी व मीना देवी उपस्थित थीं।

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