जिउतिया पर्व को लेकर रही चहल पहल, खूब बिका खाजा

अररिया। फारबिसगंज शहर में बुधवार को जिउतिया पर्व को लेकर काफी चहल पहल रहा। फलों के दुकान पर महिलाओं की भीड़ लगी रही वहीं मिठाई व खाजा के दुकानों पर भी लंबी कतारें देखने को मिला। वहीं जानकारों की मानें तो हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के जीवित्पुत्रिका व्रत होता है। इसे जिउतिया या जितिया व्रत भी कहा जाता है। जितिया व्रत को माताएं अपनी संतान के दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन के लिए व्रत रखती हैं। जितिया व्रत पर भी छठ पूजा की तरह नहाए-खाए की परंपरा होती है। शहर के जाने-माने पंडित सुरेश मिश्रा भूलन बाबा ने कहा कि जितिया व्रत के पहले यानी नहाए खाए को सूर्यास्त के बाद कुछ खाना नहीं चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्रत खंडित हो जाता है।जितिया व्रत तीन दिनों तक चलता है। पहला दिन नहाए-खाए, दूसरा दिन जितिया निर्जला व्रत और तीसरे दिन पारण किया जाता है। उन्होंने कहा कि पौराणिक कथाओं के अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत की कथा महाभारत से जुड़ी है। कथाओं के अनुसार, अश्वत्थामा ने बदला लेने के लिए उत्तरा की गर्भ में पल रही संतान को मारने के लिए ब्रह्नास्त्र का इस्तेमाल किया। उत्तरा के पुत्र का जन्म लेना जरूरी था। फिर भगवान श्रीकृष्ण ने उस बच्चे को गर्भ में ही दोबारा जीवन दिया। गर्भ में मृत्यु को प्राप्त कर फिर से जीवन मिलने के कारण उसका नाम जीवित पुत्रिका रखा गया। बाद में यह राजा परीक्षित के नाम से जाना गया। मां अपने पुत्रों के दीर्घायु की कामना के लिए जिउतिया का पर्व करती है।

पीएनबी बैंक का एटीएम कार्ड बदलकर किसान के खाते से उड़ाए 22 हजार रुपये यह भी पढ़ें
Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार