मगही भाषा को समृद्ध बनाने की जरूरत

जहानाबाद : हिन्दी दिवस के पूर्व संध्या पर शनिवार को वेबिनार का आयोजन किया गया। इस बेबीनार के माध्यम से मगही भाषा को और अधिक समृद्ध बनाने पर चर्चा की गई। मगध विश्वविद्यालय के मगही विभागाध्यक्ष डॉ भरत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि मगही एक समृद्ध भाषा भी है। बिहार के साथ-साथ अन्य कई प्रदेशों में यह भाषा बोली जाती है। लेकिन इस भाषा के विकास के लिए जो कार्य किया जाना चाहिए था वह नहीं हो सका जिसके कारण यह अब उपयोग से गायब होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान के आठवीं अनुसूची में इसे शामिल कराने को लेकर सभी लोगों को संघर्ष करने की जरूरत है। मौके पर मगही परिषद के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश कुमार शर्मा ने कहा कि जिस तरह से हिन्दी को उपेक्षित किया गया है उसी तरह मगही की भी अनदेखी हुई है। इस दौरान प्रो. नागेंद्र नारायण समेत देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग बेबीनार में जुड़े थे।


Posted By: Jagran
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