प्रवासी कामगारों की स्वरोजगार में नहीं है रुचि

जमुई। प्रवासी कामगारों की स्वरोजगार में दिलचस्पी नहीं है। इस बात की तस्दीक समूह आधारित उद्योग स्थापित करने के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या से हो रही है। उदासीनता का आलम यह कि जिले में कुल 18 कलस्टर में महज एक सौ लोगों ने रोजगार की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि इतने आवेदनों में भी आठ कलस्टर का चयन हुआ है। यहां यह बताना लाजिमी है कि जिले में वापस लौटने वाले प्रवासियों की संख्या 32 हजार है।

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नवप्रवर्तन योजना के तहत जिले को मिली थी 50 लाख की राशि
नवप्रवर्तन योजना के तहत प्रवासी श्रमिकों की जिदगी में परिवर्तन का रंग घोलने के लिए स्वरोजगार में आर्थिक सहायता के लिए समूह को आमंत्रित किया गया था। इसके लिए जिले को 50 लाख की राशि आवंटित की गई थी।
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चप्पल जूता तैयार करने से लेकर कोदो मडवा की होगी प्रोसेसिग
जिला समिति द्वारा चयनित यूनिट के माध्यम से चप्पल जूता तैयार करने से लेकर कोदो मडवा प्रोसेसिग यूनिट स्थापित करने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
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स्वीकृत समूह
यूनिट प्रखंड राशि मेडिकेटेड शू - लक्ष्मीपुर - पांच लाख कोदो मडुवा प्रोसेसिग -चकाई - पांच लाख कच्ची घानी तेल - बरहट - 7.50 लाख
पशु चारा यूनिट -खैरा -7.50 लाख फ्लाई ऐश ब्रिक - जमुई -आठ लाख
फर्नीचर -सिकंदरा - तीन लाख आटा चक्की -सिकंदरा -7.50 लाख चप्पल जूता - लक्ष्मीपुर -छह लाख
--------- नव परिवर्तन योजना अंतर्गत कुल 18 समूह ने आवेदन किया था। जिसमें आठ समूहों का चयन कर कार्य योजना की स्वीकृति प्रदान की गई है। सभी समूह को सरकार द्वारा यूनिट स्थापित करने के लिए मशीन उपलब्ध कराए जा रहे हैं जबकि चलंत पूंजी समूह के सदस्यों को लगाना है।
आरिफ अहसन, उप विकास आयुक्त, जमुई।
Posted By: Jagran
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