सूक्ष्म ईकाइयों के जरिये प्रवासी फूंकेंगे अर्थव्यवस्था में जान

सहरसा। बाढ़ प्रभावित कोसी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मूल रूप से विभिन्न प्रांतों में रोजी-रोटी कमानेवाले प्रवासियों के पैसे पर टिकी रही है। कोविड-19 के दौरान प्रवासियों के वापस आने से फिलहाल समस्या गहरा गई है। स्थानीय प्रशासन ने इसके लिए वैकल्पिक योजना तैयार की है। कोविड-19 के दौरान देश के अनेक भाग से आए कुशल श्रेणी के प्रवासियों को जिला प्रशासन उनके कौशल व रूचि के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराने में जुटी है।

राज्य सरकार जहां औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना के तहत समूहों के माध्यम से कलस्टर स्थापित किए जा रहे हैं, वहीं सहरसा जिला प्रशासन ने प्रवासियों को पीएमईजीपी योजना से लाभान्वित कर बड़े पैमाने पर सूक्ष्म ईकाइयां (लघु उद्योग) स्थापित करने की रणनीति बनाई है, ताकि अधिक-से-अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हो सके। इससे लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा। पलायन की समस्या समाप्त होगी और इलाके की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।
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प्रथम चरण में जिले में बनेगा सात कलस्टर
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दूसरे प्रदेश में विभिन्न तरह के रोजगार में लगे लोगों को उनके कौशल के अनुसार कार्य उपलब्ध कराने के लिए पांच समूह का गठन कर लिया गया है। दो और समूहों का शीघ्र गठन किया जाएगा। औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना के तहत जहां पचास लाख की लागत से पांच कलस्टर बनाया जा रहा है, वहीं वुडको द्वारा भी बीस लाख की लागत दो कलस्टर बनेगा। प्रखंड स्तर पर बनने वाले इस कलस्टर के माध्यम से श्रमिक समूहों को सूक्ष्म इकाई करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा राशि उपलब्ध कराई जाएगी। जहां इन लोगों को सामूहिक रोजगार का अवसर मिलेगा।
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पीएमईजीपी से भी स्थापित होगा लघु उद्योग
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जिलाधिकारी कौशल कुमार स्वयं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना का पर्यवेक्षण कर रहे हैं। उन्होंने बैंक प्रबंधकों को भी बिना कोई अड़ंगा लगाए प्रवासी श्रमिकों को प्रोजेक्ट के अनुसार लघु उद्योग स्थापित करने के ससमय ऋण देने का निर्देश दिया है। इस योजना में उद्योग विभाग द्वारा अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत लाभुकों को सिलाई केंद्र, पेवर ब्लॉक उपकरण, हस्तकरघा बुनाई केन्द्र, बढ़ईगिरी केंद्र, मशरूम प्रसंस्करण केंद्र, शहद निर्माण, बेकरी, स्टील फर्नीचर, खेल का सामान, जैकेट और बैग निर्माण, बांस उत्पादों पर आधारित उद्योग, लाउंड्री, रेडिमेट गारमेंट, जरी का कार्य, इम्ब्राईडरी, आचार निर्माण, फाईवर, फुटवेयर, पीवीसी बोर्ड, अगरबत्ती निर्माण के लिए अनुदान आधारित ऋण प्राप्त होगा। इसके माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। प्रथम चरण में जिला टॉस्क फोर्स कमेटी ने 68 आवेदन को अग्रसारित कर दिया है।
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कोट प्रवासी श्रमिकों के समूह को कलस्टर के माध्यम से सूक्ष्म इकाई स्थापना के लिए औद्योगिक नव प्रवर्तन योजना से सहयोग दिया जा रहा है। इसके अलावा इच्छुक लाभुकों को पीएमईजीपी से भी प्रोजेक्ट के आधार पर ऋण मिलेगा। इसके लिए आवेदनों अग्रसारित कर बैंक भेजा रहा है।
प्रकाश चौधरी,
महाप्रबंधक, उद्योग विभाग, सहरसा।
Posted By: Jagran
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