घर-घर में शौचालय, बाजार में खुले का सहारा

सुपौल। स्वच्छ भारत योजना एवं राज्य सरकार की मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना अंतर्गत खुले में शौचमुक्त बिहार बनाने की कवायद के बीच एक-एक कर पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया जा चुका है। गांवों में इसका असर देखा जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच बाजारों में जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। बाजारों में सड़कों की स्थिति खुले में शौच की गवाही दे रही है। क्षेत्र के मुख्य बाजार करजाईन समेत किसी भी बाजार में सार्वजनिक शौचालय की व्यवस्था नहीं होने से बाजार आने वाले लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। हालत ये है कि करजाईन बाजार, रतनपुर नया बाजार, रतनपुर पुराने बाजार सहित अन्य कई सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ रही हैं लेकिन इसपर प्रशासन का बिल्कुल ध्यान नहीं जा रहा है।


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महिलाओं को होती है परेशानी
करजाईन बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय का नहीं होना तस्वीर बयां करने के लिए काफी है। एनएच 106 पर स्थित करीब दो किलोमीटर लंबे क्षेत्रफल में फैले इस बाजार में हर दिन सैकड़ों लोग रोजमर्रा के कार्य से आते हैं। सप्ताह में दो दिन यहां पर हाट भी लगती है। इसमें आसपास की कई पंचायतों के लोग आते हैं। इसमें महिलाओं की भागीदारी भी अच्छी खासी होती है लेकिन बाजार में आने वाले लोगों और दुकानदारों को शौचालय के अभाव में परेशानी का सामना करना पड़ता है। खासकर महिलाओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। शौचालय व प्रसाधन की व्यवस्था नहीं रहने से वो इसका खामियाजा भुगतने को विवश होती हैं। --------------
क्या कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय व्यापार मंडल के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण शारदा, सचिव महेशानंद देव, समाजसेवी नारायण प्रसाद शारदा, डॉ. रमेश प्रसाद यादव, राजकुमार बैठा, प्रदीप कुमार मेहता, सुजीत कुमार, ओमप्रकाश मेहता आदि का कहना है कि स्वच्छता अभियान के तहत लगभग घर-घर शौचालय का निर्माण हो चुका है लेकिन अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों ने बाजार को इससे उपेक्षित रखा है। इतने व्यस्ततम करजाईन बाजार रहने के बावजूद बाजार में एक भी सार्वजनिक शौचालय नहीं रहने के कारण यहां के दुकानदार सहित बाजार में आने-जाने वालों को शौच के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता है। बाजार में शौचालय के साथ-साथ पेयजल की व्यवस्था की सख्त जरूरत है। स्थानीय लोगों ने संबंधित अधिकारियों से जल्द इस समस्या पर ध्यान देने की मांग की है।
Posted By: Jagran
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