कल से 16 अक्टूबर तक नहीं होगा मांगलिक कार्य

खगड़िया। विश्वकर्मा पूजन के बाद 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेगा। 18 सितंबर से मलमास आरंभ हो जाएगा। जिसमें मांगलिक कार्य वर्जित माना गया है। मलमास को लेकर आचार्य शुभम ने जानकारी देते हुए बताया कि हिदू धर्म में मलमास का विशेष महत्व होता है। मलमास अधिक मास के नाम से भी जाना जाता है। मलमास 18 सितंबर से आरंभ हो रहा है। जो 16 अक्टूबर को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता है कि अधिक मास के अधिपति स्वामी भगवान विष्णु हैं। उन्होंने स्वयं इस मास की अधिपति होना स्वीकार किया था और भगवान राम के नाम पर पुरुषोत्तम मास नाम दिया था। पुराणों में इस मास को लेकर कई कथाएं भी है। आचार्य शुभम ने बताया कि पंचांग के मुताबिक मलमास का आधार सूर्य और चंद्रमा की चाल से है। सूर्य वर्ष 365 दिन और छह घंटे का माना जाता है, वहीं चंद्रमा वर्ष 354 दिन का माना जाता है। इन दोनों वर्षों के बीच 11 दिनों का अंतर होता है। यह अंतर तीन साल में एक माह के बराबर हो जाता है। उसी अंतर को दूर करने के लिए हर तीन साल में एक बार चंद्रमास आता है। जो मलमास माना जाता है। इस मास में मांगलिक कार्य वर्जित है। परंतु, आवश्यक कार्य किए जा सकते हैं। धार्मिक अनुष्ठान, विवाह, उपनयन आदि कार्य नहीं होंगे।

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Posted By: Jagran
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