सट्टेबाजी का आरोप लगाकर गूगल ने प्‍ले स्‍टोर से हटाया Paytm

नई दिल्‍ली। Google ने प्ले-स्टोर से Paytm एप को हटा दिया है। अब पेटीएम एप को एंड्रॉयड यूजर्स कुछ समय तक डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। हालांकि पेटीएम मॉल, पेटीएम फॉर बिजनेस, पेटीएम मनी एप अभी भी प्ले-स्टोर पर मौजूद हैं। वहीं एपल के एप स्टोर से पेटीएम को अभी भी डाउनलोड किया जा सकता है।

गूगल द्वारा प्ले-स्टोर से एप हटाए जाने के बाद Paytm ने कहा है कि एप को अस्थायी तौर पर प्ले-स्टोर से हटाया गया है। पेटीएम ने ट्वीट करके कहा है कि पेटीएम फिलहाल गूगल प्ले-स्टोर पर उपलब्ध नहीं है लेकिन हम जल्द ही वापसी करेंगे। आपके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और आप जल्द ही पहले की तरह पेटीएम एप का इस्तेमाल कर पाएंगे।
गूगल ने शुक्रवार को कहा कि वह खेलों में सट्टेबाजी को बढ़ावा देने वाले एप को इजाजत नहीं देता है और ऐसे एप को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया जाएगा। भारत में आईपीएल जैसे प्रमुख खेल आयोजनों से पहले इस तरह के एप बड़ी संख्या में लॉन्च किए जाते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग 2020 (आईपीएल) 19 सितंबर से संयुक्त अरब अमीरात में शुरू होने वाला है।
गूगल ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा, 'हम ऑनलाइन कैसिनो की अनुमति नहीं देते हैं या खेलों में सट्टेबाजी की सुविधा देने वाले किसी भी अनियमित जुआ एप का समर्थन नहीं करते हैं। इसमें वे एप शामिल हैं जो ग्राहकों को किसी ऐसी बाहरी वेबसाइट पर जाने के लिए प्रेरित करते हैं, जो धनराशि लेकर खेलों में पैसा या नकद पुरस्कार जीतने का मौका देती है। यह हमारी नीतियों का उल्लंघन है।'
ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि ये नीतियां उपयोगकर्ताओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए हैं। हालांकि, गूगल ने यह साफ नहीं किया है कि क्या इस आधार पर किसी ऐप को हटाया गया है या नहीं। गूगल ने यह भी कहा कि जब कोई एप इन नीतियों का उल्लंघन करता है तो उसके डेवलपर को इस बारे में सूचित किया जाता है, और जब तक डेवलपर एप को नियमों के अनुरूप नहीं बनाता है, तब तक उसे गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया जाता है।
एंड्रॉयड सुरक्षा एवं गोपनीयता के उत्पाद उपाध्यक्ष सुजान फ्रे द्वारा पोस्ट किए गए इस ब्लॉग में कहा गया है कि ऐसे मामले जहां नीतियों का बार-बार उल्लंघन किया जाता है, गूगल अधिक गंभीर कार्यवाही कर सकती है, जिसमें डेवलपर के खातों को खत्म करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ये नीतियां सभी डेवलपर्स पर समान रूप से लागू की जाती हैं।
-एजेंसियां

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