16 अक्टूबर तक रहेगा मलेमास, शुभ कार्य बंद

बेगूसराय। आश्विन मास का कृष्ण पक्ष गुरुवार को समाप्त हो गया। जिसे आमजन पितृ पक्ष के रूप में भी मनाते हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष के समाप्त होते ही मलमास कहें या अधिक मास आरंभ हो गया है। आश्विन के प्रथम मास का शुक्लपक्ष व द्वितीय आश्विन मास का कृष्ण पक्ष मलमास या अधिक मास माना जाएगा। इस एक माह की अवधि में कोई लग्न कार्य का संपादन नहीं किया जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित हीरा झा, पंडित सुधीर पाठक एवं पंडित संतोष मिश्र ने बताया कि प्रत्येक तीन साल के बाद अधिक मास आता है। यह सूर्य मास एवं चन्द्र मास के बीच 11 दिनों के प्रतिवर्ष होने वाले अंतर की भरपाई के लिए इस वर्ष आश्विन में अधिक मास है। इस अधिक मास में मुंडन, यज्ञोपवित्र, शादी् गृह प्रवेश आदि जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। हां जन्मोत्सव, छठी, बच्चों के नामाकरण जैसे कार्य को संपादित किया जा सकता है। ऐसे शास्त्रों के अनुसार इस मलमास को भगवान विष्णु ने अपना नाम दिया है इसलिए इस अधिक मास को पुरुषोत्तम मास के रूप में माना जाता है। 17 अक्टूबर को आश्विन मास के प्रतिपदा तिथि को माता दुर्गा पूजनोत्सव के निमित्त कलश स्थापन किया जाएगा।


Posted By: Jagran
डाउनलोड करें जागरण एप और न्यूज़ जगत की सभी खबरों के साथ पायें जॉब अलर्ट, जोक्स, शायरी, रेडियो और अन्य सर्विस

अन्य समाचार