पचरुखी प्रखंड प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित

गहमागहमी के बीच शनिवार को पचरुखी प्रखंड प्रमुख शाहनाज खातून के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। विरोधी खेमा का नेतृत्व पूर्व प्रमुख नसीमा खातून कर रही थीं। सभा की अध्यक्षता उपप्रमुख ओमप्रकाश मिश्रा ने की। इधर सदन में अविश्वास पर चर्चा शुरू होने से पहले दोनों खेमों के आंतरिक कलह को देखते हुए प्रशासन पहले से ही पूरी तरह अलर्ट था। फलस्वरूप सदन के आसपास काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती के साथ ही धारा 144 लागू कर दी गयी थी। तय समय पर डीसीएलआर संजय कुमार व बीडीओ रविरंजन की उपस्थिति में प्रमुख पर लगे आरोपों की सदन में पहले चर्चा हुयी। लेकिन, सदन में उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रमुख के कार्यकलाप से असंतुष्टि जाहिर की। इसके बाद डीसीएलआर ने मतदान की अनुमति दे दी। फलस्वरूप मतदान के दौरान सदन में उपस्थित सभी 13 सदस्यों के प्रमुख के खिलाफ वोटिंग के साथ ही प्रमुख पर अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। बता दें कि प्रखंड के 18 पंचायतों में कुल 25 बीडीसी सदस्यों का पद है। जिसमें एक पद बीडीसी की असामयिक मौत के कारण खाली है। इधर प्रमुख पर अविश्वास लगने के साथ ही प्रमुख पद के लिए कई लोगों ने अपनी दावेदारी ठोक दी है। ऐसे में मामला और दिलचस्प होता दिख रहा है। जबकि प्रमुख पर अविश्वास के साथ ही एक खेमा में खुशी तो दूसरे खेमे में मायूसी छायी रही।

अविश्वास के लिए हुए मतदान में गड़बड़ी का आरोप
प्रमुख पति नुरुल हक ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए हुए मतदान में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए न्यायालय में जाने की बात कही है। प्रमुख पति का आरोप था कि मतदान के दौरान 13 में दो मत अवैध था, जिसकी गिनती अधिकारियों की मिलीभगत से विरोधी खेमे में की गयी है। इस प्रकार प्रमुख को जबरन उसके पद से हटाया जा रहा है जो न्याय संगत नहीं है। बीडीओ रविरंजन ने बताया कि सदन में उपस्थित सभी सदस्यों का मतपत्र वैध था। अविश्वास पर चर्चा के दौरान की गयी सारी प्रक्रिया नियमानुकुल है। मौके पर बीडीसी शोभा देवी, रीना देवी, मालती देवी, पूनम देवी, नूर जन्नत, प्रभावती देवी, हरेराम चौधरी, अब्दुल कादिर, विदांति देवी, बसंती देवी व जयमाला देवी थीं।

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