नन्ही बच्ची ने की गूगल की मदद, हटवा दिए करोड़ों रुपये कमाने वाले स्कैम ऐप्स

गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर ऐसे 7 ऐप्स का पता चला है कि जो ऐड दिखाकर यूजर्स को नुकसान पहुंचा रहे थे और करोड़ों रुपये कमा रहे थे। खास बात यह है कि ऑनलाइन सेफ्टी कैंपेन के दौरान एक नन्ही बच्ची ने इन ऐप्स के बारे में सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स को अलर्ट किया। इन ऐप्स को सोशल मीडिया पर प्रमोट भी किया जा रहा था।नई दिल्ली .

गूगल प्ले स्टोर और ऐपल ऐप स्टोर पर मौजूद ऐप्स कई सिक्यॉरिटी चेक से गुजरते हैं लेकिन इसके बावजूद भी स्कैमर कई ऐप्स की मदद से यूजर्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। प्ले स्टोर और ऐप स्टोर से 24 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किए गए ऐसे ऐप्स का पता चला है, जो बच्चों को निशाना बना रहे थे। खास बात यह है कि इन स्कैम ऐप्स का पता लगाने के लिए एक नन्ही बच्ची ने सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स की मदद की। सर्च इंजन कंपनी की ओर से इन ऐप्स को हटा दिया गया है।
चेक रिपब्लिक के प्रॉग में रहने वाली नन्ही यूजर ने सात ऐसे ऐप्स का पता लगाने में गूगल की मदद की, जिनकी मदद से स्कैम कर 500,000 डॉलर (करीब 3.7 करोड़ रुपये) अटैकर्स ने कमाए थे। SensonTower की ओर से ये डीटेल्स शेयर किए हैं और बताया गया कि ऐसे कुल 7 ऐप्स का पता चला है, जो ऐडवेयर स्कैम की मदद से यूजर्स को नुकसान पहुंचाकर कमाई कर रहे थे। ये ऐप्स एंटरटेनमेंट, वॉलपेपर और म्यूजिक ऐप्स की शक्ल में यूजर्स को ऐड दिखा रहे थे और खासकर बच्चों को निशाना बनाते थे।
चेक रिपब्लिक में अवास्ट की ओर से 'Be Safe Online Project' चलाया गया, जिसमें बच्चों को ऑनलाइन सेफ रहने का तरीका बताया जा रहा था। ऐसे में नन्ही यूजर ने इन स्कैम ऐप्स में से एक को TikTok प्रोफाइल पर प्रमोट किए जाने को रिपोर्ट किए, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया और इन ऐप्स को हटाया गया। दरअसल, इन ऐप्स को इंस्टाग्राम और TikTok जैसे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म्स पर प्रमोट भी किया जा रहा था। चोरी-छिपे ये ऐप्स यूजर्स के डिवाइस में पहुंचकर उन्हें नुकसान पहुंचा रहे थे।
प्ले स्टोर से हटाए गए ऐप
ऐप्स के बारे में गूगल और ऐपल दोनों को अलर्ट कर दिया गया है और इन ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। अवास्ट ने कहा, 'ये ऐप्स ढेर सारे ऐड दिखाते हैं या फिर यूजर्स को 2 डॉलर से 10 डॉलर के बीच पैसे चार्ज करते हैं। इनमें से कुछ ऐप्स सिंपल गेम हैं, कुछ की मदद से वॉलपेपर बदले जा सकते हैं और कुछ डिवाइस को वाइब्रेट करते हैं या फिर म्यूजिक प्लेबैक का ऑप्शन देते हैं।' इन ऐप्स को लाखों फॉलोअर्स वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स पर प्रमोट किया जा रहा था।

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