अढ़ैया बुखार व निमोनिया से मवेशियों की सुरक्षा जरूरी

संवाद सहयोगी, किशनगंज : मौसम में बदलाव आने के कारण लगातार बारिश हो रही है। ऐसे मौसम में पशुओं को खुले मैदान में चरने के लिए अधिक समय तक नहीं छोड़ना चाहिए। बारिश के पानी में अधिक समय तक भींगने के कारण बीमारी होने की संभावना बनी रहती है।

यह जानकारी देते हुए डेयरी फिल्ड ऑफिसर शिव नारायण सिंह ने बताया कि अढ़ैया बुखार मविशियों में मुख्य रुप से विषाणु के कारण होते हैं। दूध उत्पादन पर दसका बुरा प्रभाव पड़ता है। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं को तेज बुखार के साथ खांसी होती है। पैरों में लगातार दर्द होने के कारण लंगड़ाती रहती है। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं को टेट्रासाइक्लिन की सूई 50 मिलीग्राम प्रतिकिलो वजन के साथ देना फायदेमंद होगा। साथ ही दर्दनाशक दवा का प्रयोग लाभदायक होता है।
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निमोनिया रोग भी जीवाणु-विषाणु के कारण होता है। इस रोग से ग्रसित पशुओं को तेज बुखार के साथ सांस लेने में परेशानी होती है। पशुओं का पेट तेज गति से फूलना और सिकुड़ना शुरु हो जाता है। नाक से पानी गिरता रहता है। इस बीमारी से ग्रसित पशुओं को बारिश और धूप से बचाना जरुरी होता हे। इस रोग के ईलाज के लिए एंपीसीलीन और एमीकासीन समूह की दवाएं कारगर साबित होता है।
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