10 हजार की सहायता लेने में रुचि नहीं ले रहे वेंडर

शेखपुरा। कोरोना काल में मुश्किलों के थपेड़े झेलने वाले फुटपाथी दुकानदार तथा गलियों में घूमकर समान बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर सरकारी मदद पाने में भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इन वेंडरों तथा फुटपाथी दुकानदारों को प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी है। इस योजना का लाभ शहरी क्षेत्र के वेंडरों को मिलना है। योजना का लाभ उपलब्ध कराने के लिए नगर परिषद शेखपुरा अपना दरवाजा खोलकर बैठा है, मगर वेंडर इसके किए आवेदन ही नहीं दे रहे।

नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी दिनेश दयाल ने बताया अभी तक मात्र 115 वेंडरों ने आवेदन दिया है। आवेदन देने वालों की जांच करके उन्हें सहायता प्रदान करने का कमा शुरू भी कर दिया गया है। शेखपुरा नगर परिषद में एक हजार से अधिक वेंडर रजिस्टर्ड हैं। 2015 में हुए सर्वे में 786 वेंडर रजिस्टर्ड हैं। जबकि लॉकडाउन के पहले 36 नये वेंडर रजिस्टर्ड किये गये हैं।
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सहायता पाने के इच्छुक वेंडर को नगर परिषद में या फिर किसी कामन सर्विस सेंटर पर जाकर अपना आवेदन विशेष पोर्टल पर लोड कराना होता है। शेखपुरा नगर परिषद में आवेदन दिये 115 वेंडरों में 20 को स्वीकृति भी मिल गई है। इसमें 6 को आर्थिक मदद भी दी जा चुकी है। इसमें 5 को बैंक आफ इंडिया तथा एक को केनरा बैंक के माध्यम से सहायता दी गई है। इस सरकारी सहायता की राशि वेंडरों को बाद में लौटनी भी है। इधर वेंडर यूनियन के पदाधिकारी चंद्रिका दास ने बताया वेंडरों को मदद करने के बजाय अधिकारी तथा कर्मी व्यवधान खड़ा करते हैं। इसी वजह से वेंडर इसमें रुचि नहीं दिखा रहे। इस व्यवस्था को और सुगम बनाने की मांग की है।
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