कुदरा के निशान सिंह स्टेडियम की उपेक्षा से युवाओं में नाराजगी

कैमूर। कुदरा प्रखंड मुख्यालय के एकमात्र स्टेडियम की उपेक्षा से युवाओं और खेल प्रेमियों में नाराजगी है। अपनी भावनाओं को वे समय-समय पर सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से व्यक्त करते रहते हैं। इसके बावजूद संबंधित अधिकारी व प्रतिनिधि स्टेडियम की बदहाली को लेकर बेपरवाह बने हुए हैं। इस स्टेडियम को हमारे देश की स्वाधीनता की पहली लड़ाई के विख्यात सेनानी के नाम पर निशान सिंह स्टेडियम के रूप में जाना जाता है। कुदरा से थोड़ी ही दूरी पर मौजूद रोहतास जिला के शिवसागर थाना के बड्डी गांव के जमींदार बाबू निशान सिंह ने अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति के महानायक बाबू कुंवर सिंह के साथ बगावत में हिस्सा लेते हुए अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। उनसे अंग्रेज इतने खार खाए हुए थे कि 1858 ईस्वी में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था। देश की आजादी के लिए प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद के नाम पर स्टेडियम के होने के बावजूद इसके संरक्षण की ओर ध्यान नहीं दिया जाना स्थानीय लोगों के लिए कष्टदायक हैं।


कुदरा बाबू मोहल्ला के विकास उर्फ विक्की सिंह बताते हैं कि थोड़ी सी बारिश होने पर भी स्टेडियम में पानी भर जाता है। इसका गेट भी लंबे समय से टूटा हुआ है। पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। स्टेडियम में खिलाड़ियों के अलावा बड़ी संख्या में वैसे युवा भी शारीरिक अभ्यास करने के लिए आते हैं जो सेना अथवा पुलिस की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे होते हैं। स्टेडियम की बदहाली से सभी को परेशानी होती है। विधायक समेत प्रतिनिधियों का समस्याओं की ओर ध्यान दिलाते हुए निदान का आग्रह किया गया, लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया। स्थानीय लोग बताते हैं कि स्टेडियम के अंदर पुरुष और महिला खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग चेंजिग रूम बने हुए हैं, लेकिन वे भी बदहाल हैं। स्टेडियम का बाउंड्री वाल टूटा होने के चलते असामाजिक तत्व इसके अंदर आकर शराब व मादक पदार्थों का सेवन करते हैं तथा कैंपस व चेंजिग रूम को गंदा कर देते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो विभिन्न दलों से जुड़े नेता राजनीतिक सभाओं के लिए स्टेडियम का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन इसकी व्यवस्था की ओर ध्यान नहीं देते।
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