मार्गदर्शन के लिए स्कूल आने से डर रहे छात्र

संवाद सहयोगी, किशनगंज : कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए छह महीने के बाद स्कूलों को खोलने का निर्देश दिया गया है। बावजूद अधिकतर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति नहीं के बराबर है। छात्रों के स्कूल नहीं पहुंचने का मुख्य वजह सूचना का अभाव माना जा रहा है। शहरी क्षेत्र के कई सरकारी और निजी स्कूलों में न्यूनतम 15 और अधिकतम 27 छात्र मार्गदर्शन के लिए पहुंचे। जहां शिक्षकों ने शारीरिक दूरी का पालन करते हुए छात्रों के प्रश्नों का समाधान किए।

बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी सुभाष कुमार गुप्ता ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न स्कूलों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए सरकार ने नवमी से लेकर 12 वीं तक के वर्ग संचालन की अनुमति दे रखी है। इसके लिए गाइड लाइन भी दिए गए हैं। स्कूलों में एक तिहाई छात्र व 50 फीसद शिक्षकों को आना है। हालांकि छात्र स्कूल आकर मार्गदर्शन लेने से कतराते रहे हैं। सामान्य दिनों में जहां स्कूलों में एक हजार से अधिक छात्र स्कूल आते थे, लेकिन इस समय प्रत्येक स्कूलों में गिनती के ही छात्र आते हैं।

छात्र सुभम कुमार, नीरजा भारती, ऋषभ कुमार, अनिकेत कुमार, नेहा कुमारी और सूरज कुमार साहा ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में ऑनलाइन क्लास के माध्यम से ही पढ़ाई करना बेहतर है। घर से स्कूल जाने-आने के क्रम में भीढ़-भाड़ वाले चौक-चौराहों से होकर गुजरना पड़ता है। अभी भी सड़कों पर अधिकतर लोग बिना मास्क लगाए चलते हैं। ऐसी स्थिति में ऑनलाइन पढ़ाई करना ही सही लगती है।
इंटर हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक सुनील कुमार ने बताया कि स्कूलों में मार्गदर्शन लेने के लिए छात्रों की उपस्थिति बहुत कम है। नवमी और 11 वीं कक्षा में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्र-छात्राएं पहुंच रहे हैं। इंटर हाई स्कूल, बालिका उच्च विद्यालय, बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल, ओरिएंटल पब्लिक स्कूल, जीबीएम, नेशनल हाई स्कूल और बेथल मिशन में 50 विद्यार्थी मार्गदर्शन के लिए पहुंचे।
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