हर चुनाव में उठती है ठाकुरगंज और बहादुरगंज को अनुमंडल बनाने की मांग

किशनगंज। जिला के स्थापना को लगभग तीन दशक बीत चुके हैं। जिले में एकमात्र सदर अनुमंडल है। सात प्रखंडों और 22 लाख की आबादी वाले जिले में विगत दो दशक से हर चुनाव में ठाकुरगंज और बहादुरगंज को अनुमंडल बनाने की मांग उठती रही है। नेताजी चुनावी मौसम में वादा करना भी नहीं भूलते हैं लेकिन इसे लेकर अब तक कोई ठोस पहल नहीं की जा सकी, जबकि विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है तो फिजां में अनुमंडल व प्रखंड बनाने की चर्चाएं गूंजने लगी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में आज तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की गई। नीतीश कुमार के लगभग 15 वर्ष के मुख्यमंत्रित्व काल में बिहार में एक भी नया अनुमंडल या प्रखंड नहीं बना है। अब चुनाव निकट है।चुनाव नजदीक आने के साथ ही यहां ठाकुरगंज को अनुमंडल बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।आम जनता ठाकुरगंज के अनुमंडल नहीं बनने से क्षेत्र के पिछड़ेपन की प्रमुख वजह मान रहे हैं। गलगलिया, चुरली, ठाकुरगंज, पाठामारी, बरचौन्दी, कद्दुभिट्ठा, रुईधाषा, खारुदह, कादोगांव, पौआखाली आदि इला़के सहित नपं ठाकुरगंज व प्रखंड के 22 ग्राम पंचायत के करीब ढाई लाख लोगों को कोर्ट कचहरी व अनुमंडलीय स्तर के काम को निपटाने के लिए 50 से 60 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय किशनगंज जाना पड़ता है। यह दर्द बहादुरगंज क्षेत्र के लोगों का भी है। कई सरकारें आई और गई पर बहादुरगंज वासियों के अनुमंडल का सपना पूरा नहीं हो पाया। अनुमंडल के लिए वर्षों से लोगों की उठ रही मांग सरकारी फाइलों में दब कर दम तोड़ चुकी है। राजनीतिक एवं प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है। भौगोलिक ²ष्टिकोण से जिले के मध्य भाग में स्थित बहादुरगंज को अनुमंडल बनाने की दिशा में कोई ठोस पहल किसी भी नेता के द्वारा नहीं हो रहा है। प्रस्तावित बहादुरगंज प्रखंड को अनुमंडल बनाने की मांग पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है और जनता की इस बहुप्रतीक्षित मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

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बहादुरगंज प्रखंड की भौगोलिक स्थिति अनुमंडल के लिए उपयुक्त है। यहां से कोचाधामन प्रखंड की दूरी 25 किलोमीटर, दिघलबैंक 20 किलोमीटर, लौचा पुल निर्माण के बाद टेढ़ागाछ की दूरी 30 किलोमीटर, ठाकुरगंज 42 किलोमीटर, किशनगंज जिला मुख्यालय 27 किलोमीटर तथा पोठिया प्रखंड की दूरी 60 किलोमीटर है। यानी बहादुरगंज जिले के नक्शे में बिल्कुल मध्य में है। विधानसभा चुनाव के पूर्व लोगों ने उम्मीद की थी कि शायद सरकार बहादुरगंज व ठाकुरगंज को अनुमंडल बनाने की घोषणा करेंगे, मगर सुगबुगाहट तक भी नहीं हुई।
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