भंडारण की व्यवस्था नहीं, कम कीमत में अनाज बेचने को विवश हैं किसान

संवाद सूत्र, बरियारपुर (मुंगेर): सरकार एक तरफ किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कई योजनाएं चला रही है। एमएसपी के अलावे नई कृषि नीति को लागू की जा रही है। लेकिन किसान की उपज के बाद अपने अनाज को रखने के लिए व्यवस्था नहीं होने के कारण किसान उपज के बाद कम कीमत पर अपनी अनाज बेचने को विवश हो रहे हैं। किसानों का कहना है कि अगर अनाज के भंडारण की व्यवस्था सरकारी या निजी स्तर पर प्रखंड में होती तो वे लोग अपने उत्पादन को बचाकर रख सकते थे। अधिक कीमत होने पर इसकी बिक्री करते ।किसानों का कहना है कि प्रखंड के दियारा एवं चौड़ क्षेत्र में किसान मकई के अलावा गेहूं, दलहनी तथा तिलहन की फसल करते हैं ।इसके बाद किसान को इसे सुरक्षित रखने की समस्या उत्पन्न हो जाती है ।किसानों के पास अपने फसलों के उचित भंडारण की व्यवस्था नहीं रहने के कारण कम कीमत पर व्यापारियों के हाथों खलिहान पर अनाज को बेचना विवशता बन जाती है। व्यापारी किसानों के लाचारी को देखते हुए कम कीमत में अनाज खरीद कर भंडारण करते हैं। उसे कीमत उंची होने पर बेचते हैं। जिससे व्यापारियों को लाभ हो जाता है ।लेकिन किसानों को अपनी उपज उचित दाम भी नहीं मिल पाती है।

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मकई के खेत में ही फसल तैयार कर बेच देते हैं किसान
दियारा में मक्का की खेती करने वाले रामजी सिंह, कारे मंडल, उदय मंडल सहित अन्य का कहना है कि मकई के ऊपज होने पर इसके भंडारण की कोई व्यवस्था लोगों के पास नहीं है। इसलिए वह लोग अपने मकई के खेत में ही फसल तैयार कर बेच देते हैं। किसान अपने फसल को ऊंची कीमत पर बेचना चाहते हैं। लेकिन व्यापारी खलियान से अनाज खरीद कर ले जाते हैं। जिससे उन्हें कम कीमत मिलती है। अनुज सिंह दीपक सिंह नितेश कुमार पंकज कुमार सहित अन्य ने बताया कि वे लोग ज्यादातर गेहूं तथा चना की खेती करते हैं। छोटे किसान अपनी उपज को तो अपने घरों में रख लेते हैं। लेकिन बड़े किसानों को रखने के लिए भंडारण की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जिसके कारण व्यापारियों को फसल तैयार होने के बाद बेचना लोगों की मजबूरी बन जाती है ।नई कृषि नीति लागू होने के बाद लगा कि किसानों को उपज का सही मूल्य मिल सकेगा ।एमएसपी लागू होने के बाद भी किसानों को सरकारी दर पर अनाज की खरीददारी व्यापारी नहीं करते हैं। सरकार की कोई ऐसी व्यवस्था क्षेत्र में नहीं है जिससे कि वे अपनी फसल को सरकारी सरकारी स्तर पर एजेंसी खरीददारी नहीं करती है। जिससे उन लोगों को लाभ नहीं मिल पाता है ।इन लोगों ने सरकार से प्रखंड में किसानों के उत्पादन के भंडारण के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की है। जिससे कि किसानों को अपनी उपज का सही लाभ मिल सके।
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