टिकट की टिक टिक- दावेदारों ने पटना में डाला डेरा, अटकलों में गुजरा दिन

बक्सर : प्रथम चरण में बक्सर जिला के चारों विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को चुनावी रणभेरी बज गई लेकिन माहौल चुनाव महापर्व से महरूम रहा। किसी भी दल से अबतक उम्मीदवार तय नहीं होने से जिले में अटकलबाजियों का दौर जारी है। वहीं, सभी पार्टियों के टिकट के दावेदारों ने पटना में डेरा डाल दिया है। कहा जा रहा है कि शुक्रवार की देर रात तक टिकट कि टिक-टिक खत्म हो सकती है।

टिकट को ले राजनीतिक दलों में उठापटक का इससे भी अंदाजा लगाया जा सकता है कि भाजपा, कांग्रेस और राजद के जिला कार्यलय में सन्नाटा पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि नेता जी पटना और दिल्ली में समर्थकों के साथ पूरी ताकत झोंके हुए हैं। इधर, कयासबाजी के बीच कुछ उम्मीदवारों ने चुनाव कार्यालय के लिए जगह भी देखना शुरू कर दिया है। पुलिस महकमे से सियासत में इंट्री मारने वाले एक अधिकारी ने आंबेडकर चौक के पास एक मैरेज हॉल में अपने लिए चुनाव कार्यालय का चयन किया है। हालांकि, अभी एनडीए में सीटों का तालमेल तय नहीं हुआ है। ऐसे में बक्सर सदर की सीट एनडीए से किसके पाले में जाएगी, यह अभी तय नहीं है। इधर, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री एव स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे साफ कर चुके हैं कि बक्सर भाजपा की परंपरागत सीट है और इस सीट से भाजपा ही चुनाव लड़ेगी।

समय गुजरने से बढ़ रही बेचैनी
समय कम है और टिकट तय नहीं होने से नेता जी की धुकधुकी बढ़ रही है। सीटिग विधायक भी अपने टिकट को तय नहीं मान रहे हैं और पार्टी के बड़े नेताओं की दरबारी कर रहे हैं। इनकी चिता यह भी है कि अंतिम समय में पार्टी ने उम्मीद की बत्ती गुल कर दी तो कहीं के नहीं रहेंगे। वहीं, इतने कम समय में प्रत्याशी कैसे जनसंपर्क करेंगे। समय कम होने से निश्चित है कि चुनाव कम प्रत्याशी चाहकर भी अपने पूरे विधानसभा क्षेत्र का दौरा नहीं कर पाएंगे। टिकट की आस में पटना बैठे डुमरांव के एक पुराने जदयू नेता ने बताया कि गठबंधन में बातचीत अंतिम दौर में है और एक-दो दिनों से संशय के बादल छंट जाएंगे।
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